Tuesday, April 21, 2015

"बन सहारा बे-सहारो के लिये,
बन किनारा बे-किनारो के लिये,
जो जीये अपने लिये तो क्या जीये,
जी सके तो जी हज़ारो के लिये."




 तेरे दिल के करीब आना चाहता हूँ मैं,
तुझको नहीं और अब खोना चाहता हूँ मैं,
अकेले इस तनहाई का दर्द बर्दाश्त नहीं होता,
तू एक बार आजा तुझसे लिपट कर रोना चाहता हूँ मैं…





लम्हे ये सुहाने साथ हो ना हो,
कल मे आज जैसी कोई बात हो ना हो,
आपका प्यार हमेशा इस दिल मे रहेगा,
चाहे पूरी उमर मुलाक़ात हो ना हो…





कुछ बेख़बर बातों से हैरान हो रहे हैं,
धड़क रहा है दिल ज़ोरों से हम परेशा हो रहे हैं
यून तो धड़कना दिल का हरपल होता है,
मगर आज शायद प्यार के फरिश्ते हम पर मेहरबान हो रहे हैं…



नशीली आँखो से वो जब हमे देखते हैं,
हम घबराकार आंख झुका लेते हैं,
कौन मिलाये उन्न आँखों से आंखे,
सुना है वो आँखो से अपना बना लेते है.




खुदा करे हर रात चाँद बन के आए,
दिन का उजाला शान बन के आए,
कभी दूर ना हो आपके चेहरे से हसी,
हर दिन ऐसा मेहमान बन के आए.




आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है,
दिल में बसी है जो वो आपकी ही सूरत है,
दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी,
हमे हर कदम पर आपकी ज़रूरत है…




ज़मीन से उठाकर दिल में बैठा लिया,

नज़रों में समां कर, पलकों में सजा दिया,

इतना प्यार दिया आपने हमकों कि,

मेरे बिखरे शब्दों को कविता बना दिया !!😊💘😊

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