Thursday, April 23, 2015

कपडे हो गये छोटे
लाज कहा से आएँगी

अनाज हो गया हाइब्रेड
ताकत कहा से आएँगी


फूल हो गया प्लास्टिक का
सुगंध कहा से आएँगी

चेहरा हो गई मेकअप का
रूप कहा से आएँगा

मास्टर हो गये ट्यूशन के
विद्या कहा से आएँगी

भोजन हो गए हॉटेल के
तंदुरुस्ती कहा से आएँगी

प्रोग्राम हो गये केबल के
संस्कार कहा से आएँग

आदमी हो गये पैसो के
दया कहा से आएँगी

और कड़वा सच तो ये है

भक्ति करने वाले हो गये
मतलबी और स्वार्थी,
भगवान कहा से आएँगे..
🙏🙏🙏🙏🙏

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