एक पत्नी अपने पति के घर आने के बाद ही खाना खाती थी।
सारी मुह्हले की स्त्रियां उसका बड़ा सम्मान करती थी।
कहती थी तुम महान हो। पतिब्रता हो सती हो। देवी हो।
साध्वी हो। भारतीय संस्कृति की पुजारिन हो। हमारी प्रेरणा हो।
इस कलयुग में आदर्श नारी हो। ……………………… एक दिन एक
स्त्री ने कहा- आप इतनी तपस्या कर कैसे लेती हो ?
वो बोली मजबूरी है-
जब मेरे पति आते हैं।
और खाना बनाते हैं।
तभी तो खाती हूँ।
सारी मुह्हले की स्त्रियां उसका बड़ा सम्मान करती थी।
कहती थी तुम महान हो। पतिब्रता हो सती हो। देवी हो।
साध्वी हो। भारतीय संस्कृति की पुजारिन हो। हमारी प्रेरणा हो।
इस कलयुग में आदर्श नारी हो। ……………………… एक दिन एक
स्त्री ने कहा- आप इतनी तपस्या कर कैसे लेती हो ?
वो बोली मजबूरी है-
जब मेरे पति आते हैं।
और खाना बनाते हैं।
तभी तो खाती हूँ।
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