Saturday, April 25, 2015

एक पत्नी अपने पति के घर आने के बाद ही खाना खाती थी।
सारी मुह्हले की स्त्रियां उसका बड़ा सम्मान करती थी।
कहती थी तुम महान हो। पतिब्रता हो सती हो। देवी हो।
साध्वी हो। भारतीय संस्कृति की पुजारिन हो। हमारी प्रेरणा हो।
इस कलयुग में आदर्श नारी हो। ……………………… एक दिन एक
स्त्री ने कहा- आप इतनी तपस्या कर कैसे लेती हो ?
वो बोली मजबूरी है-
जब मेरे पति आते हैं।
और खाना बनाते हैं।
तभी तो खाती हूँ।

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