Sunday, April 19, 2015


इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं;
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं;
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई;
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं।




 यूँ तो मैं दुश्मनों के काफिलों से भी सरउठा के गुजर जाता हूँ...बस खौफ तो अपनों की गलियोंसे गुजरने में लगता है...कि कोई धोखा ना दे दे..!!!




‬: दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो….



आज हम उन्हें बेवफ़ा बताकर आये हैं,
उनके खतों को पानी में बहाकर आये हैं,
कोई निकालकर पढ़ ना ले खतों को,
इसलिए पानी में भी आग लगाकर आये हैं ..



 जुदा होकर भी सताने से बाज़ नहीं आते;
दूर रहकर भी वो दिल जलाने से बाज़ नहीं आते;
हम तो भूलना चाहते हैं हर एक याद उनकी;
मगर वो ख्वाबों में आने से भी बाज़ नहीं आते।




हमेशा ज़िन्दगी में मुस्कुराते रहो;हर इंसान को अपना बनाते रहो;जब तक कोई कार वाली ना बने तुम्हारी गर्लफ्रेंड;तब तक स्कूटर वाली से ही काम चलाते रहो!


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