न मिले किसी का साथ तो हमें याद करना,
तन्हाई महसूस हो तो हमें याद करना....,
खुशियाँ बाटने के लियें दोस्त हजारो रखना,
जब ग़म बांटना हो तो हमें याद करना .....
मेरा हर पल आज खूबसूरत हैं,
दिल में जो सिर्फ तेरी ही सूरत है,
कुछ भी कहे ये दुनिया ग़म नहीं,
दुनिया से ज्यादा हमें तेरी ज़रूरत है
शतरंज की चालों का खौफ ...
उन्हें होता है , जो सियासत करते हैं .....
हम तो मोहब्बत के खिलाड़ी हैं ...
न हार की फिक्र , न जीत का ज़िक्र.
बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
क्या सुनाएँ हम आपको दास्ताँ-ए-गम;अर्ज किया है;क्या सुनाएँ हम आपको दास्ताँ-ए-गम;जब से आप मिले हो परेशान हो गए हैं हम!
प्यार का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करू
आप भूल बी जाओ तो मे हर पल याद करू
प्यार ने बस इतना सिखाया हे मूज़े
की खुद से पहले आपके लिए दुआ करू..!!
दिल का सागर सहरा हैदर्द बड़ा ही गहरा हैसहरा- वीराना, रेगिस्तानखामोशी या उदासी मेंजीवन का ही दुखड़ा है मुसकाएं आखिर हम कैसेदिल तो टुकड़ा-टुकड़ा है देख लो मेरे दामन मेंदाग ही हरसूं बिखरा है
आँखों मे आ जाते है आँसू,
फिर भी लबो पे हसी रखनी पड़ती है,
ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो,
जिस से करते है उसीसे छुपानी पड़ती है…
तन्हाई महसूस हो तो हमें याद करना....,
खुशियाँ बाटने के लियें दोस्त हजारो रखना,
जब ग़म बांटना हो तो हमें याद करना .....
मेरा हर पल आज खूबसूरत हैं,
दिल में जो सिर्फ तेरी ही सूरत है,
कुछ भी कहे ये दुनिया ग़म नहीं,
दुनिया से ज्यादा हमें तेरी ज़रूरत है
शतरंज की चालों का खौफ ...
उन्हें होता है , जो सियासत करते हैं .....
हम तो मोहब्बत के खिलाड़ी हैं ...
न हार की फिक्र , न जीत का ज़िक्र.
बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
क्या सुनाएँ हम आपको दास्ताँ-ए-गम;अर्ज किया है;क्या सुनाएँ हम आपको दास्ताँ-ए-गम;जब से आप मिले हो परेशान हो गए हैं हम!
प्यार का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करू
आप भूल बी जाओ तो मे हर पल याद करू
प्यार ने बस इतना सिखाया हे मूज़े
की खुद से पहले आपके लिए दुआ करू..!!
दिल का सागर सहरा हैदर्द बड़ा ही गहरा हैसहरा- वीराना, रेगिस्तानखामोशी या उदासी मेंजीवन का ही दुखड़ा है मुसकाएं आखिर हम कैसेदिल तो टुकड़ा-टुकड़ा है देख लो मेरे दामन मेंदाग ही हरसूं बिखरा है
आँखों मे आ जाते है आँसू,
फिर भी लबो पे हसी रखनी पड़ती है,
ये मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो,
जिस से करते है उसीसे छुपानी पड़ती है…
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