Tuesday, June 23, 2015

रोज तारीख बदलती है,
रोज दिन बदलते हैं...
रोज अपनी उमर भी बदलती है...
रोज समय भी बदलता है...
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं...
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती...
और वो हैं हम खुद...!
और बस ईसी वजह से हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है...!!!



 तलाश है इक ऐसे शक्स की ,
जो आँखो मे उस वक्त दर्द देख ले,

जब दुनियाँ हमसे कहती है,
क्या यार तुम हमेशा हँसते ही रहते हो...😊



 "ख्वाबो में मेरे आप रोज आते हो,
कभी दर्द, कभी खुशियाँ दे जाते हो,
कितना प्यार करते हो आप मुझ से,
शिर्फ़ मेरे इस सवाल का जबाब टाल जाते हो."

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