कपड़ेे हो गये छोटे, लाज़ कहाँ सेँ आएगी
अनाज हो गया हाइब्रिड, ताकत कहाँ से आएगी
फूल हो गया प्लास्टिक का, सुगंध कहाँ से आएगी
चेहरा हो गया मेकअप का, रूप कहाँ से आएगा
शिक्षक हो गये ट्यूशन के, विद्या कहाँ से आएगी
भोजन हो गए होटल के, तंदुरुस्ती कहाँ से आएगी
प्रोग्राम हो गये केबल के, संस्कार कहाँ से आयेगें
आदमी हो गये पैसो के, दया कहाँ से आएगी
और
कड़वा सच तो ये है...
भक्ति करने वाले हो गये मतलबी और स्वार्थी,
भगवान कहाँ से आएंगे...
🙏सोचिये🙏विचारिये 🙏संभलिए
अनाज हो गया हाइब्रिड, ताकत कहाँ से आएगी
फूल हो गया प्लास्टिक का, सुगंध कहाँ से आएगी
चेहरा हो गया मेकअप का, रूप कहाँ से आएगा
शिक्षक हो गये ट्यूशन के, विद्या कहाँ से आएगी
भोजन हो गए होटल के, तंदुरुस्ती कहाँ से आएगी
प्रोग्राम हो गये केबल के, संस्कार कहाँ से आयेगें
आदमी हो गये पैसो के, दया कहाँ से आएगी
और
कड़वा सच तो ये है...
भक्ति करने वाले हो गये मतलबी और स्वार्थी,
भगवान कहाँ से आएंगे...
🙏सोचिये🙏विचारिये 🙏संभलिए
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