मैं लाख कह दूँ कि आकाश हूँ ज़मीन हूँ मैं
मगर उसे तो खबर है कि कुछ नहीं हूँ मैं
अजीब लोग है मेरी तलाश में मुझको
वहां पर ढूंढ रहें हैं जहाँ नहीं हूँ मैं
मैं आइनों से तो मायूस लौट आया था
मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं
वो ज़र्रे ज़र्रे में मौजूद है मगर मैं भी
कहीं कहीं हूँ कहाँ हूँ कहीं नहीं हूँ मैं
वो एक किताब जो मंसूब* तेरे नाम से है
उसी किताब के अन्दर कहीं कहीं हूँ मैं
सितारों आओ मेरी राह में बिखर जाओ
ये मेरा हुकुम है हालाँकि कुछ नहीं हूँ मैं
यहीं हुसैन भी गुज़रे यहीं यजीद भी था
हज़ार रंग में डूबी हुई ज़मीन हूँ मैं
ये बूढ़ी कब्रें तुम्हें कुछ नहीं बतायेंगी
मुझे तलाश करो दोस्तों यहीं हूँ मै
मगर उसे तो खबर है कि कुछ नहीं हूँ मैं
अजीब लोग है मेरी तलाश में मुझको
वहां पर ढूंढ रहें हैं जहाँ नहीं हूँ मैं
मैं आइनों से तो मायूस लौट आया था
मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं
वो ज़र्रे ज़र्रे में मौजूद है मगर मैं भी
कहीं कहीं हूँ कहाँ हूँ कहीं नहीं हूँ मैं
वो एक किताब जो मंसूब* तेरे नाम से है
उसी किताब के अन्दर कहीं कहीं हूँ मैं
सितारों आओ मेरी राह में बिखर जाओ
ये मेरा हुकुम है हालाँकि कुछ नहीं हूँ मैं
यहीं हुसैन भी गुज़रे यहीं यजीद भी था
हज़ार रंग में डूबी हुई ज़मीन हूँ मैं
ये बूढ़ी कब्रें तुम्हें कुछ नहीं बतायेंगी
मुझे तलाश करो दोस्तों यहीं हूँ मै
No comments:
Post a Comment