Saturday, June 13, 2015

"बरसों पहले अलविदा कह
गयी थी जो कलफिर मिली बाजार में.,
उसकी गाड़ी बड़ी थी और मेरी दाढ़ी...😤😂💔




पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचती हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछती हैं की ख्वाबो में किसे देखते हो?
और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं."




: खरीद सकते अगर उनका साथ,
तो अपनी जिंदगी बेचकर भी खरीद लेते;
पर क्या करें, दोस्ती और प्यार -
हमेशा कीमत से नहीं किस्मत से मिलते हैं।




लत लग गई हमे तो,
अब तेरे दीदार-ए-हुस्न की

इसका गुन्हेगार किसे कहे,
खुद को
या तेरी कातिल अदाओ को..!!




तुमको छुपा रखा है इन पलकों मे,

पर इनको ये बताना नहीं आया,

सोते हुए भीग जाती है पलके मेरी,

पलकों को अब तक दर्द छुपाना नहीं आया.
💔



सबक तो तूने बहुत सिखाये
ए जिंदगी

मगर शुक्रिया तेरा
किसी का दिल तोड़ना नही सिखाया...

💔💔💔💔

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