जब भी थामा है तेरा हाथ तो देखा है
लोग कहते हैं की बस हाथ की रेखा है
हम ने देखा है दो तकदीरों को जुड़ते हुए
आज कल पाँव जमींपर नही पड़ते मेरे
बोलो देखा है कभी तुमने मुझे उड़ते हुए
लोग कहते हैं की बस हाथ की रेखा है
हम ने देखा है दो तकदीरों को जुड़ते हुए
आज कल पाँव जमींपर नही पड़ते मेरे
बोलो देखा है कभी तुमने मुझे उड़ते हुए
No comments:
Post a Comment