Thursday, March 24, 2016

"सोच लूँ...कि छोड़ दूँ...ख़्याल तेरी याद का...?"
"लिख दूँ...कि रहने दूँ...नज़्म तेरे नाम की...?"
"देख लूँ...कि जाने दूँ...ख़्वाब तेरी चाह का...?"
"जोड़ दूँ...कि तोड़ दूँ...ये कड़ियाँ एतबार की...?
"माँग लूँ...कि रोक लूँ...दुआ तेरे नाम की...?"
"जी लूँ...कि भूल जाऊँ...लम्हा तेरे साथ का...?"
"छेड़ दूँ...कि ना छुऊँ...धुन तेरे प्यार की...?"
"जीत लूँ...कि हार जाऊँ...ये बाज़ी इंतज़ार की...?"

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