एक हसरत है कि तूने मुझे चाहा होता ,
दूसरी ये कि तेरा कुर्ब भी पाया होता .
ये जो हर रोज़ परिंदों से सुना करता हूँ
प्यार का गीत मुझे तूने सुनाया होता .
जागता ही न कभी नींद से ऐ जान-ए-वफ़ा
तू अगर ख्वाब में मेरे कभी आया होता .
मिल गया यूँ तो बड़ा नाम मुझे दुनिया में
काश खो कर इसे मैंने तुझे पाया होता .
कोई सरहद , कोई दीवार न हाइल होती
फासला हमने अगर मिल के मिटाया होता .
एक कदम मैंने बढाया था कि दो गाम है तू
एक कदम मेरी तरफ तूने बढाया होता .
मैंने जिस तरह तुझे चाहा , तुझे प्यार किया
काश तूने भी मुझे ऐसे ही चाहा होता .
दूसरी ये कि तेरा कुर्ब भी पाया होता .
ये जो हर रोज़ परिंदों से सुना करता हूँ
प्यार का गीत मुझे तूने सुनाया होता .
जागता ही न कभी नींद से ऐ जान-ए-वफ़ा
तू अगर ख्वाब में मेरे कभी आया होता .
मिल गया यूँ तो बड़ा नाम मुझे दुनिया में
काश खो कर इसे मैंने तुझे पाया होता .
कोई सरहद , कोई दीवार न हाइल होती
फासला हमने अगर मिल के मिटाया होता .
एक कदम मैंने बढाया था कि दो गाम है तू
एक कदम मेरी तरफ तूने बढाया होता .
मैंने जिस तरह तुझे चाहा , तुझे प्यार किया
काश तूने भी मुझे ऐसे ही चाहा होता .
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