Tuesday, September 27, 2016

मंदिर में दाना चुगकर चिड़ियां
मस्जिद में पानी पीती हैं

मैंने सुना है राधा की चुनरी
कोई सलमा बेगम सीती हैं

एक रफी था महफिल महफिल
रघुपति राघव गाता था

एक प्रेमचंद बच्चों को
'ईदगाह' सुनाता था

कभी कन्हैया की महिमा गाता
रसखान सुनाई देता है

औरों को दिखते होंगे हिन्दू ओ मुसलमां

मुझे तो हर शख्स के भीतर इन्सान
दिखाई देता है..........

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