Thursday, September 29, 2016

दिल छू लेने वाली कविता....सभी रिश्तों से परे।.................

मेरे मरने पर....
तुम रोओगे.....
मैं देख न सकूँगा....
रोना है तो अभी रोओ....
देख तो सकूँ।
मुझ पर फूल बरसाओगे...
मैं देख न सकूँगा...
फूल देना है तो अभी दो....
देख तो सकूँ।
मेरी प्रशंसा करोगे...
मैं सुन न सकूँगा....
करना है तो अभी करो....
सुन तो सकूँ।
मेरी गलतियों को माफ़ करोगे...
पर मुझे मालूम न पड़ेगा....
माफ़ करना है तो अभी करो....
जान तो सकूँ।
मुझे याद करोगे...
पर मुझे एहसास न होगा...
याद करना है तो अभी करो...
एहसास तो कर सकूँ।
इच्छा करोगे,तुम्हारे साथ और रह पाता....
पर मैं जान न सकूँगा....
रहना है तो अभी रहो...
जान तो सकूँ।

अपने आस पास के लोगों के साथ,परिवार के साथ,दोस्तों के साथ,प्रियजनों के साथ,जानकारों के साथ......समय बिताइए।

*उन्हें एहसास हो कि वे आपके लिए विशेष हैं,क्योंकि आपको नहीं मालूम कि समय कब उन्हें आप से दूर कर देगा....
हमेशा के लिए*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏

No comments:

Post a Comment