*👇👇 आज का प्रेरक प्रसंग 👇👇*
*!! पानी की बून्द !!*
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एक राजा जंगल में प्यास से व्याकुल हुआ, तो एक वृक्ष की डाली से पानी की बून्द गिर रही थी। राजा ने पत्तों का दोना बनाकर उन बूंदों से दोने को भरने लगा। जब दोना भर गया तो एक तोते ने दोने को गिरा दिया। राजा ने दूसरी बार दोना भरा तो फिर तोते ने गिरा दिया पर तीसरी बार राजा ने दोना गिराने पर तोते को चाबुक से मार दिया।
उसके बाद राजा उस डाली के पास गया, जहां से पानी टपक रहा था तो राजा के पाँवो की जमीन खिसक गई, वहाँ एक भयंकर अजगर सोया हुआ था और उस अजगर के मुँह से लार टपक रही थी, राजा जिसको पानी समझ रहा था वह अजगर की जहरीली लार थी। राजा के मन में पश्चात्ताप का समन्दर उठने लगता है। हे प्रभु! मैंने यह क्या कर दिया, जो पक्षी बार-बार मुझे जहर पीने से बचा रहा था, भ्रम वश मैंने उसे ही मार दिया।
संगत का असर जी, आपके साथ जो होता है उसमें हमारा भला छुपा होता है लेकिन हम उस पर ध्यान नहीं दे पाते हैं।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*
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