Monday, April 26, 2021

 *!!   सुंदर  हाथ   !!*

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बहुत समय पहले की बात है कुछ महिलाएं एक नदी के तट पर बैठी थी। वे सभी धनवान होने के साथ-साथ अत्यंत सुंदर भी थी। वे नदी के शीतल एवं स्वच्छ जल में अपने हाथ - पैर धो रही थी तथा पानी में अपनी परछाई देख-देख कर अपने सौंदर्य पर स्वयं ही मुग्ध हो रही थी। तभी उनमें से एक ने अपने हाथों की प्रशंसा करते हुए कहा, देखो, मेरे हाथ कितने सुंदर हैं। लेकिन दूसरी महिला ने दावा किया कि उसके हाथ ज्यादा खूबसूरत हैं, तीसरी महिला ने भी यही दावा दोहराया। उनमें इस पर बहस छिड़ गई तभी एक बुजुर्ग लाठी टेकती हुई वहाँ से निकली उसके कपड़े मैले- कुचैले थे। वह देखने से ही अत्यंत निर्धन लग रही थी उन महिलाओं ने उसे देखते ही कहा, “व्यर्थ की तकरार छोड़ो, इस बुढ़िया से पूछते हैं कि हममें से किसके हाथ सबसे अधिक सुँदर है।" उन्होंने बुजुर्ग महिला को पुकारा, “ए बुढ़िया, जरा इधर आकर ये तो बता कि हममें से किसके हाथ सबसे अधिक सुँदर है। बुजुर्ग महिला किसी तरह लाठी टेकती हुई उनके पास पहुंची और बोली - "मैं बहुत भूखी-प्यासी हूँ, पहले मुझे कुछ खाने को दो, चैन पड़ने पर ही कुछ बता पाऊँगी।" 

वे सब महिलाएं हँस पड़ी और एक स्वर में बोलीं, "चल भाग, हमारे पास कोई खाना- वाना नहीं है। ये भला हमारी सुँदरता को क्या पहचानेगी।"


वहीं थोड़ी ही दूरी पर एक मजदूर महिला बैठी थी। वह देखने में सामान्य लेकिन मेहनती और विनम्र थी। उसने बुजुर्ग को अपने पास बुलाकर प्रेम से बैठाया और अपनी पोटली खोलकर अपने खाने में से आधा खाना उसे दे दिया। फिर नदी से लाकर ठंडा पानी पिलाया, उस महिला ने उसके हाथ-पैर धोए और अपनी फटी धोती से पौंछकर साफ कर दिए। इससे बुजुर्ग महिला को बड़ा आराम मिला। जाते समय वह बुजुर्ग महिला उन सुँदर महिलाओं के पास जाकर बोली, "सुँदर हाथ उन्हीं के होते हैं, जो अच्छे कर्म करें तथा जरूरतमंदों की सेवा करें। अच्छे कार्यों से ही हाथों का सौंदर्य बढ़ता है, मात्र शरीर व आभूषणों से नहीं...।।"


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