Monday, April 26, 2021

     *!! माता-पिता के रोकने टोकने का लाभ !!*
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बड़ी दौड़ धुप के बाद वो आज ऑफिस पहुंचा, उसका पहला इंटरव्यू था. घर से निकलते हुवे वो सोच रहा था, काश ! इंटरव्यू में आज कामयाब हो गया तो अपने पुश्तैनी मकान को अलविदा कहकर यही शहर में सेटल हो जाऊंगा, मम्मी, डैडी की रोज़ की किरकिरी, मग़जमारी से छुटकारा हासिल हो जायेगा. 
सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक होने वाली किरकिरी से तंग हो गया हूँ. जब नहाने की तैयारी करो तो पहले बिस्तर दुरुस्त करो फिर बाथरूम जाओ, बाथरूम से निकलो तो आदेश जारी होता है "नल बंद कर दिया?" "तौलिया सही जगह रखा या यूँही फेंक दिया?" नाश्ता न करके घर से निकलो तो डांट पडती है "पंखा बंद किया या चल रहा है?" क्या क्या सुनें यार, नौकरी मिले तो घर छोड़ दूंगा..
ऑफिस में बुहत सारे उम्मीदवार बैठे थे, बॉस का इंतज़ार कर रहे थे. दस बज गए, उसने देखा पैसेज की बत्ती अभी तक जल रही है, माँ याद आ गई तो बत्ती बुझा दी, ऑफिस के दरवाज़े पर कोई नहीं था, बग़ल में रखे वाटर कूलर से पानी टपक रहा था, पिता की डांट याद आ गयी, बोर्ड पर लिखा था इंटरव्यू दूसरी मंज़िल पर होगा.
सीढ़ी की लाइट भी जल रही थी, बंद करके आगे बढ़ा तो एक कुर्सी रास्ते में थी, उसे हटाकर ऊपर गया, देखा पहले से मौजूद उम्मीदवार जाते और फ़ौरन बाहर आते, पता किया तो मालुम हुआ बॉस फाइल लेकर कुछ पूछते नहीं, वापस भेज देते हैं. मेरा नंबर आने पर मैंने फाइल मेनेजर की तरफ बढ़ा दी. कागज़ात पर नज़र दौडाने के बाद उन्होंने कहा "कब ज्वाइन कर रहे हो?" उनके सवाल से मुझे यूँ लगा जैसे मज़ाक़ हो. वो मेरा चेहरा देखकर कहने लगा ये मज़ाक़ नहीं सत्य है.
आज के इंटरव्यू में किसी से कुछ पूछा ही नहीं, सिर्फ CCTV में सबका बर्ताव देखा, सब आये लेकिन किसी ने नल या लाइट बंद नहीं किया.
धन्यवाद के लायक हैं तुम्हारे माँ बाप जिन्होंने तुम्हारा इतना अच्छा लालन पालन किया और अच्छे संस्कार दिए.
*शिक्षा:-*
*जिस इंसान के पास Self Discipline नहीं वो चाहे कितना भी बुद्धिमान और चालाक हो, मैनेजमेंट और ज़िन्दगी की दौड़ धुप में कामयाब नहीं हो सकता.*
उसने घर पहुंचकर मम्मी डैडी को गले लगाया और उनसे माफ़ी मांगकर उन्हें धन्यवाद कहा, अपनी ज़िन्दगी की आज़मायिश में उनकी छोटी छोटी बातों पर रोकने और टोकने से मुझे जो सबक़ हासिल हुआ उसके मुक़ाबिल मेरे डिग्री की कोई कीमत नहीं थी और पता चला ज़िन्दगी के मुक़ाबले में सिर्फ शिक्षा ही नहीं मर्यादा और संस्कार का भी अपनी जगह है...!

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