Monday, April 26, 2021

तू किसी से कमज़ोर नही
क्या तू मेरे सांसो की डोर नही
धड़कता है दिल मेरा 
तेरी मुस्कुराहटों की ओट से
क्या तुझे इतना भी पता नही
जी सकता नही हूं मैं तेरे बगैर कभी

वो अतीत है उसे भूल
जो है भविष्य तेरा उसे
क्यों हार मान रहा है तू यूँ ही किसी से
ज़िन्दगी से जरा लड़कर तो दिखा

तुझसे भी मजबूत होंगे जब इरादे तेरे
तोड़ न तो जो खुद से है वादे तेरे
तेरे दर्द का एहसास मुझे भी है हमदम
पर निबाह के दिखा जो है वादे तेरे

टूटूंगा मैं भी साथ ही तेरे
यकीन कर मैं भी हूँ पास ही तेरे
इस क़दर दर्द न दे खुद को ख्यालो में लाकर
मेरे ख्यालो में भी मैं हूँ पास तेरे

कोई कह रहा है कि कमज़ोर है तू
मजबूत बन, ना कि मजबूर है तू
कोई अनकही सी किताब ना बन
मेरी ज़िंदगी की कहानी जरूर है तू

अब तो समझ जा जज्बात मेरे
हर दर्द में बराबर का हिस्सेदार हूं तेरे
जो कह नही सका किसी से मुझे बता
मैं ही गम का पहरेदार तेरे

तेरे आंखों में आंसुओ को देख नही सकता
तुझे टूटते हुए कभी सरेख नही सकता
मुझे मालूम है पार कर लेगा हर चुनौती को तू
पर मेरे जज्बातों को तू निरेख नही सकता

सम्भल जा, ज़िन्दगी की डोर बड़ी नाज़ुक है
दिल का हाल मेरा तेरे ही जैसा है
अब उठ और लड़ जा खुद से
इस लड़ाई में हर कदम पर मैं साथ तेरे हूँ

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