Friday, May 29, 2015

मेरे ही लिए दोस्त बैठे हैं खंज़र लिए मै जानता हूँ,
पर मैं तो दोस्तों ही पर जां निसार करना चाहता हूँ I

जिसने तोड़ा था दिल मेरा कभी अपनी कड़वाहट से,
आज मैं उसकी नफरतों को तार तार करना चाहता हूँ I

हर स्वप्न पूरा नहीं हो सकता मैं जानता हूँ,
फिर भी कुछ सपने हैं जिन्हें साकार करना चाहता हूँ I

ग़र ज़िन्दगी मेरी परीक्षा लेने पर उतारू है ,
तो मै ज़िन्दगी का हर इम्तहान पार करना चाहता हूँ I

मुझे मालुम है उसे नहीं यकीं रत्ती भर भी मुझ पर,
फिर भी मैं बस उससे ही प्यार करना चाहता हूँ I

दिल लेना दिल देना किसने समझी ये बातें प्यार की “चरन”
इश्क खता है तो एक बार नहीं बार बार करना चाहता हूँ II


मच्छर का सीजन है।
....

मच्छर ने आपको काटा ... ये उसका जुनून था 😡
वाह वाह वाह...
मच्छर ने आपको काटा ... ये उसका जुनून था
फिर आपने वहाँ खुजाया ... ये आपका
सुकून था😌
चाह कर भी आप उसे मार नहीं पाये
ग़ौर फ़रमाइये हुज़ूर ...
चाह कर भी आप उसे मार नहीं पाये👺
क्योंकि उसकी रगों में आप ही का
ख़ून था ... !!!💉
😂😅😆
😜😜😜😄😄😄😄
गीत जो थे दिल के बेहद करीब, अब उन्हें गुनगुनाना छोड़ दिया हमने I
महफिलों में जाकर घुलना -मिलना, हंसना -हंसाना छोड़ दिया हमने II
जिनके रुठते ही सांस थमने लगती थी उन्हें मनाना छोड़ दिया हमने I
उलझनों में फिर उलझना चाहतें है, उन्हें सुलझाना छोड़ दिया हमने II

बेकद्री है इश्क-मोहब्बत की जहाँ, किससे गिला और किससे शिकवा,
कितने खाए जख्म कितनी चोटें लगी हिसाब लगाना छोड़ दिया हमने I

ख्वाहिशें ओस की बूंदों की तरह जन्म लेती रहीं जाने कब सिमट भी गई,
हुआ जब सामना सच्चाई से तो आईना देखना दिखाना छोड़ दिया हमने I

हमारा प्यार ही तो था हमारी लिए तकदीर हमारी और प्यार ही खुदा भी,
झुक जाता था जो कभी उसके सज़दे में वो सर झुकाना छोड़ दिया हमने I

कसम से बड़ा ही गुरुर था बड़ा नाज़ था हमें वफाओं पर और ऐतबार भी,
टूटा जब दिल, दिल की गहराइयों से तो खुद पर इतराना छोड़ दिया हमने I

न ताकत न रुतबा न पैसा, कमजोर थे इसलिए ही डरते थे जिन्दगी से,
बचा-खुचा मान भी जाता रहा अब क्या डर, सो डरना डराना छोड़ दिया हमने I

काली रातों के घने अँधेरे, उजालों से कहीं बेहतर लगने लगे हमें अब तो,
रास्ते जो घूम कर जाते थे मन्जिल पे, उन पर आना जाना छोड़ दिया हमने I

दिल की बाज़ी तो हमने भी लगाईं थी कभी बड़े दिल से दिल देकर उनको,
मगर क्या मिला, बस दर्द-ए-दिल, तो यहीं पर ये फ़साना छोड़ दिया हमने I

मेरी शायरी मेरी गजलों में न मिलेगी पहले सी ताज़गी अब कभी “चरन ”
असली चेहरा सामने है, अब शराफत का वो ढोंग रचाना छोड़ दिया हमने II


गम को समझ कर देंन इश्वर की, बस मुस्कुराते रहे हम I
जब भी मिले यारों से, गम छुपाकर हँसते-हंसाते रहे हम I

मोहब्बत की थी, इक यही था शायद कुसूर हमारा,
वो शिकस्त देते चले गए और मात खाते रहे हम I

नश्तर से चुभोते थे सदा वो अपनी कड़वी बातों से,
हमने तो किया था प्यार, सब कुछ भुलाते रहे हम I

जो भी कहा उससे मुकर गए वे कई बार जाने क्यूँ,
हमने तो किये थे वादे दिल से, सो निभाते रहे हम I

जो मारी ठोकर अपनों ने तो गिर कर न संभले फिर,
ज़िन्दगी देगी मौक़ा फिर, दिल को समझाते रहे हम I

बड़ा ही अजीब सा डर था मन में बचपन से जवानी तक,
इसलिए बच्चों को बहादुरी की कहानियाँ सुनाते रहे हम I

ख़ुशी और गम दोनों को ही कर दरकिनार किया हमने,
जो भी प्यार से मिला बस प्यार ही प्यार जताते रहे हम I

त्योंहार भी रिश्तों की तरह दूर हो गए हैं अब दिल से,
होली पे खुद अपने ही गालों पर गुलाल लगाते रहे हम I

जब भी मिला मौक़ा नीयत खराब कर ली हमने “चरन”
और दूसरों को सदा सच्चाई का रास्ता दिखाते रहे हम II


खूबसूरत है वो लब जिन पर,
दूसरों के लिए कोई दुआ आ जाए,
खूबसूरत है वो मुस्कान जो,
दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए,
खूबसूरत है वो दिल जो,
किसी के दुख मे शामिल हो जाए,
खूबसूरत है वो जज़बात जो,
दूसरो की भावनाओं को समज जाए,
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे,
प्यार की मिठास हो जाए,
खूबसूरत है वो बातें जिनमे,
शामिल हों दोस्ती और
प्यार की किस्से, कहानियाँ,
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे,
किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए,
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के,
लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए,
खूबसूरत है वो सोच जिस मैं,
किसी कि सारी ख़ुशी झुप जाए,
खूबसूरत है वो दामन जो,
दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए,
खूबसूरत है वो किसी के,
आँखों के आसूँ जो
किसी के ग़म मे बह जाए..

दोस्ती अपनी जगह और दुश्मनी अपनी जगह
फ़र्ज़ के अंजाम देने की ख़ुशी अपनी जगह.

हम तो सरगर्म-ए-सफ़र हैं और रहेंगे उम्र भर
मंज़िलें अपनी जगह आवारगी अपनी जगह.

पत्थरों के देस में शीशे का है अपना वक़ार
देवता अपनी जगह और आदमी अपनी जगह.

ज्ञान माना है बड़ा भक्ती भी लेकिन कम नहीं
आगही अपनी जगह दीवानगी अपनी जगह.

सुब्ह हैं सज्दे में हम तो शाम साक़ी के हुज़ूर
बंदगी अपनी जगह और मय-कशी अपनी जगह.

सारा आलम है तरन्नुम-ख़ेज़ ऐ शाएर-नवाज़
शेर की अपनी जगह और 'तर्ज़' की अपनी जगह.

"Truth"

Truth no 1 :
nobody is real in this world except Mother..
😊
Truth no. 2 :
a poor person has no friends..
😊
Truth no. 3 :
people do not like good thoughts they like good looks..
😊
Truth no 4 :
people respect the money not the person..
😊
Truth no 5 :
the person you love the most, will hurt you the most !  
😊
Truth no 6 :
"Truth is Simple, But, The Moment YOU try to Explain it...
It Becomes Difficult"  
😊
Truth no 7 :
"When you are happy you enjoy the music", but
 "when you are sad, you understand the lyrics".
😊
Truth no 8 :
 IN LIFE Two things define you-
"Your patience" when you have nothing...
&
 "Your attitude" when you have everything...

Rightly said "The internet shows us how small the world is...but a missing plane shows, how big our planet is.."..👍👍👍


Har ghadi khud se ulajhna hai muqaddar mera,
Main hi kashti hu muji me hai samandar mera,
Kisse puchhu ki kaha gum hu barson se,
Har jaga dhundhti phirta hai muje ghar mera,
Ek se ho gaye mausamo ke chehare sare,
Meri aankho se kahi kho gaya manzar mera,
Muddate biit gayi khwab suhana dekhe,
Jagta rahta hai har nind me bistar mera,
Aaina dekh ke nikli thi main ghar se bahar,
Aaj tak hath me mahfuz hai patthar mera.....      

Thursday, May 28, 2015

❗Very very imp.. 👇❗

ये जानना बहुत जरुरी है ...
हम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद। क्या कारण है |

हमने दाल खाई,
हमने सब्जी खाई,
हमने रोटी खाई,
हमने दही खाया
लस्सी पी ,
दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि|,
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है |
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
 उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"|
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
" epigastrium "|

ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।

ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है |
हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है|

आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"।
|ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है ।

 ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी |
यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई|
▶ ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना पचता है | ◀

🔹अब अपने खाते ही गटागट पानी पी लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया|

और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है |

अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी वो बुझ गयी|

🔹आग अगर बुझ गयी तो खाने की पचने की जो क्रिया है वो रुक गयी|

🔸अब हमेशा याद रखें खाना जाने पर हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,

एक क्रिया है जिसको हम कहते हे "Digestion" और दूसरी है "fermentation"
फर्मेंटेशन का मतलब है सडना
और डायजेशन का मतलब हे पचना|

🔸आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी तो खाना पचेगा,खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा|

जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा|

🔸ये तभी होगा जब खाना पचेगा|🔸

 यह सब हमें चाहिए|

 ये तो हुई खाना पचने की बात
🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸
अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..?

खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर जो बनता है वो हे यूरिक एसिड (uric acid )

|कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है

तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है आप ये दवा खाओ, वो दवा खाओ
यूरिक एसिड कम करो|

और एक दूसरा उदाहरण खाना

जब खाना सड़ता है, तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
 माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol )|

जब आप ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको कहता है (HIGH BP )

हाई-बीपी है आप पूछोगे कारण बताओ?

 तो वो कहेगा कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |

आप ज्यादा पूछोगे की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?

 तो वो आपको कहेगा LDL बहुत है |

इससे भी ज्यादा खतरनाक एक विष हे
वो है VLDL
(Very Low Density lipoprotive)|

ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
अगर VLDL बहुत बढ़ गया तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता|

खाना सड़ने पर और जो जहर बनते है उसमे एक ओर विष है जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides|

जब भी डॉक्टर आपको कहे की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे तो समज लीजिए की आपके शरीर मे विष निर्माण हो रहा है |

 तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे, कोई LDL -VLDL के नाम से कहे समझ लीजिए की ये
 विष हे और ऐसे विष 103 है |

ये सभी विष तब बनते है जब खाना सड़ता है |

 मतलब समझ लीजिए किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए की खाना पच नहीं रहा है ,

कोई कहता हे मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप ! की आपका खाना पच नहीं रहा है |

कोई कहता है मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे की खाना पच नहीं रहा है |

क्योंकि खाना पचने पर इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता|

खाना पचने पर जो बनता है वो है मांस,मज्जा,रक्त ,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र,अस्थि

और

 खाना नहीं पचने पर बनता है यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल
,LDL-VLDL|


और यही आपके शरीर को रोगों का घर बनाते है !

 पेट मे बनने वाला यही जहर जब
 ज्यादा बढ़कर खून मे आते है ! तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा जो खून मे आया है इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
*जिसे आप heart attack कहते हैं !

 तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए इसके लिए पेट मे ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए|

क्योंकि बिना आग के खाना पचता नहीं हे और खाना पकता भी नहीं है

 🔹* महत्व की बात खाने को खाना नहीं खाने को पचाना है |

आपने क्या खाया कितना खाया वो महत्व नहीं हे।

खाना अच्छे से पचे इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया !!

"भोजनान्ते विषं वारी"
---------------
🔸🔸 (मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर
 है )🔸🔸

* इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पिये!*

 अब आपके मन मे सवाल आएगा कितनी देर तक नहीं पीना ???

 तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !

अब आप कहेंगे इसका क्या calculation हैं ??

 बात ऐसी है !

 जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे मे मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं है !

 पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक 1 घंटा 48 मिनट
 का समय लगता है !

उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है !

 (बुझती तो नहीं लेकिन बहुत
 धीमी हो जाती है )

पेस्ट बनने के बाद शरीर मे रस बनने की परिक्रिया शुरू होती है !

 तब हमारे शरीर को पानी की जरूरत होती हैं ।

तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये !!

जो बहुत मेहनती लोग है (खेत मे हल चलाने वाले ,रिक्शा खीचने वाले पत्थर तोड़ने वाले)

उनको 1 घंटे के बाद ही रस बनने
 लगता है उनको घंटे बाद
 पानी पीना चाहिए !

अब आप कहेंगे खाना खाने के पहले कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं ???

तो खाना खाने के 45 मिनट पहले तक आप पानी पी सकते हैं !

अब आप पूछेंगे ये मिनट का calculation ????

 बात ऐसी ही जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !

 और अगर बच जाये तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है !

तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !

तो आप खाना खाने से 45 मिनट पहले ही पाने पिये !

 इसका जरूर पालण करे !

अधिक अधिक लोगो को बताएं
post share करे !!


 बहुत बहुत धन्यवाद.

--भोलेभाले टीचर्स को समर्पित



गुरूजी विद्यालय से घर लौट रहे थे ।

रास्ते में एक नदी पड़ती थी ।

नदी पार करने लगे तो ना जाने क्या सूझा ,

एक पत्थर पर बैठ अपने झोले में से पेन और कागज निकाल अपने वेतन का हिसाब निकालने लगे ।

अचानक…..,

हाथ से पेन फिसला और डुबुक ….

पानी में डूब गया । गुरूजी परेशान ।

आज ही सुबह पूरे पांच रूपये खर्च कर खरीदा था ।

कातर दृष्टि से कभी इधर कभी उधर देखते ,

पानी में उतरने का प्रयास करते ,

फिर डर कर कदम खींच लेते ।

एकदम नया पेन था ,

छोड़ कर जाना भी मुनासिब न था ।

अचानक…….

पानी में एक तेज लहर उठी ,

और साक्षात् वरुण देव सामने थे ।

गुरूजी हक्के -बक्के ।

कुल्हाड़ी वाली कहानी याद आ गई ।

वरुण देव ने कहा , ”गुरूजी, क्यूँ इतने परेशान हैं ।

प्रमोशन , तबादला , वेतनवृद्धि ,क्या चाहिए ?

गुरूजी अचकचाकर बोले , ” प्रभु ! आज ही सुबह
एक पेन खरीदा था ।

पूरे पांच रूपये का ।

देखो ढक्कन भी मेरे हाथ में है ।

यहाँ पत्थर पर बैठा लिख रहा था कि पानी में गिर गया

प्रभु बोले , ” बस इतनी सी बात ! अभी निकाल
लाता हूँ ।”

प्रभु ने डुबकी लगाई ,

और चाँदी का एक चमचमाता पेन लेकर बाहर आ गए ।

बोले – ये है आपका पेन ?

गुरूजी बोले – ना प्रभु । मुझ गरीब को कहाँ ये
चांदी का पेन नसीब । ये मेरा नाहीं ।

प्रभु बोले – कोई नहीं , एक डुबकी और लगाता हूँ

डुबुक …..

इस बार प्रभु सोने का रत्न जडित पेन लेकर आये।

बोले – “लीजिये गुरूजी , अपना पेन ।”

गुरूजी बोले – ” क्यूँ मजाक करते हो प्रभु ।

इतना कीमती पेन और वो भी मेरा । मैं टीचर हूँ
सर , DPC नहीं ।

थके हारे प्रभु ने कहा , ” चिंता ना करो गुरुदेव ।

अबके फाइनल डुबकी होगी ।

डुबुक ….

बड़ी देर बाद प्रभु उपर आये ।

हाथ में गुरूजी का जेल पेन लेकर ।

बोले – ये है क्या ?

गुरूजी चिल्लाए – हाँ यही है , यही है ।

प्रभु ने कहा – आपकी इमानदारी ने मेरा दिल जीत
लिया गुरूजी ।

आप सच्चे गुरु हैं । आप ये तीनों पेन ले लो ।

गुरूजी ख़ुशी – ख़ुशी घर को चले ।

.
.
कहानी अभी बाकी है दोस्तों —

गुरूजी ने घर आते ही सारी कहानी पत्नी जी को सुनाई

चमचमाते हुवे कीमती पेन भी दिखाए ।

पत्नी को विश्वास ना हुवा ,

बोली तुम किसी DPC का चुरा कर लाये हो ।

बहुत समझाने पर भी जब पत्नी जी ना मानी

तो गुरूजी उसे घटना स्थल की ओर ले चले ।

दोनों उस पत्थर पर बैठे ,

गुरूजी ने बताना शुरू किया कि कैसे – कैसे सब हुवा

पत्नी एक एक कड़ी को किसी शातिर पुलिसिये की तरह जोड़ रही थी कि

अचानक …….

डुबुक !!!

पत्नी का पैर फिसला , और वो गहरे पानी में समा गई ।

गुरूजी की आँखों के आगे तारे नाचने लगे ।

ये क्या हुवा !

जोर -जोर से रोने लगे ।

तभी अचानक ……

पानी में ऊँची ऊँची लहरें उठने लगी ।

नदी का सीना चीरकर साक्षात वरुण देव प्रकट
हुवे ।

बोले – क्या हुआ गुरूजी ? अब क्यूँ रो रहे हो ?

गुरूजी ने रोते हुए सारी story प्रभु को सुनाई ।

प्रभु बोले – रोओ मत। धीरज रखो ।

मैं अभी आपकी पत्नी को निकाल कर लाता हूँ।

प्रभु ने डुबकी लगाईं ,

और …....
थोड़ी देर में

वो सनी लियोनी को लेकर प्रकट हुवे ।

बोले –गुरूजी ।

क्या यही आपकी पत्नी जी है ??

गुरूजी ने एक क्षण सोचा ,

और चिल्लाए –

हाँ यही है , यही है ।

अब चिल्लाने की बारी प्रभु की थी ।

बोले – दुष्ट मास्टर ।

टंच माल देखा तो नीयत बदल दी ।

ठहर तुझे श्राप देता हूँ ।

गुरूजी बोले – माफ़ करें प्रभु ।

मेरी कोई गलती नहीं ।

अगर मैं इसे मना करता तो आप

अगली डुबकी में प्रियंका चोपड़ा को लाते ।

मैं फिर भी मना करता तो आप मेरी पत्नी को लाते ।

फिर आप खुश होकर तीनों मुझे दे देते ।

अब आप ही बताओ भगवन ,

इस महंगाई के जमाने में

मैं तीन – तीन बीबीयाँ कैसे पालता ।

सो सोचा , सनी से ही काम चला लूँगा ।

और इस ठंड में आप भी डुबकियां लगा लगा कर थक गये होंगे ।

जाइये विश्राम करिए ।
bye bye.....

छपाक … ?????

एक आवाज आई ।

प्रभु बेहोश होकर पानी में गिर गए थे ।

गुरूजी सनी का हाथ थामे

सावधानीपूर्वक धीरे – धीरे नदी पार कर रहे थे ,,,😜😜😜😜😜


Dedicated to all the Lovely Women & Responsible Men:

"They say You should Never Ask
a Woman her Age &
a Man his Salary..."

The real reason is that...
Most Women Themselves do not Know,
How Many of Her Years She has Actually Lived for Herself... 💐👰

& Most Men do not Know,
How Much of His Income He has Actually Earned for Himself..!!! 👨👍

Respect Each Other.. Respect Life!!💕

Tuesday, May 26, 2015

खूबसूरती की परिभाषा :

खूबसूरत है वो लब...... जिन पर, दूसरों के लिए कोई दुआ आ जाए !!

खूबसूरत है ............वो दिल जो , किसी के दुख मे शामिल हो जाए !!

खूबसूरत है.......... वो जज़बात जो, दूसरो की भावनाओं को समज जाए !!

खूबसूरत है........ वो एहसास जिस मे, प्यार की मिठास हो जाए !!

खूबसूरत है............. वो बातें जिनमे, शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ !!

खूबसूरत है.......... वो आँखे जिनमे, किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए !!

खूबसूरत है .........वो हाथ जो किसी के, लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए !!

खूबसूरत है..........वो सोच जिस मैं, किसी कि सारी...... ख़ुशी झुप जाए !

खूबसूरत है............. .... वो दामन जो, दुनिया से किसी के गमो को छुपा जाए !

खूबसूरत है.......वो आसूँ जो, किसी और के गम मे बह जाए....

💛💛। खुश हूं ।💚💚
             
😊"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं
"काम में खुश हूं," आराम में खुश हू

😊"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं
"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं

😊"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं
"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं

😊"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूं
"जिसको पा नहीं सकता," उसको सोच कर ही खुश हूं

😊"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश हूं
"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश हूं

😊"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश हूं
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं

😊"अगर दिल को छुआ, तो जवाब देना"
"वरना बिना जवाब के भी खुश हूं।"
आप भी खुश रहें और खुशियाँ बांटें।


Monday, May 25, 2015

दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकी दोस्ती जरा सी नादान होती है..



दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता
हे कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो
गुजारो वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे.




चाँद ने चांदनी को याद किया
रात ने सितारो को याद किया
हमारे पास न तो चाँद है न चांदनी
इसलिए हमने अपने चाँद से भी प्यारे दोस्त को याद किया ………….


Shaher se lautkar jab main apnay gaon mein aa gaya
Youn laga ki chilchilati dhoop se chhaon mein aa gaya

Aur mere halat se mere mayaar ka andaza mat laga
main sir ka taj tha kabhi jo ab paaon mein aa gaya

Kabhi mohtaj tha main bhi dariya ki maujon ka Bahut
Waqt badla toh dariya khud meri naaon mein aa gaya

Sach cha Sach bolta tha mai toh koi pehchan na thi
Jhootha sach boltey he sabki nigahon mein aa gaya
जानिए मित्र/ मित्रता के बारे में चाणक्य, सुकरात, अरस्तु जैसे कुछ विचारकों के विचार-
* मूर्ख मित्र से बुद्धिमान शत्रु हर स्थिति में अच्छा है।
* मित्र पाने की राह है, खुद किसी का मित्र बन जाना।
* मित्रता करने में धैर्य से काम लो। किंतु जब मित्रता कर ही लो तो उसे अचल और दृढ़ होकर निभाओ।
* अपने मित्र को एकांत में नसीहत दो, लेकिन प्रशंसा (सही) खुलेआम करो।
* तुम्हारा अपना व्यवहार ही शत्रु अथवा मित्र बनाने के लिए उत्तरदायी है।
* सच्चा मित्र वह है जो दर्पण की तरह तुम्हारे दोषों को तुम्हें दिखाए। जो तुम्हारे अवगुणों को गुण बताए वह तो खुशामदी है।
* विदेश में विद्या मित्र होती है, घर में पत्नी मित्र होती है, रोगी का मित्र औषधि व मृतक का मित्र धर्म होता है।
* मित्र वे दुर्लभ लोग होते हैं, जो हमारा हालचाल पूछते हैं और उत्तर सुनने को रुकते भी हैं।
* ज्ञानवान मित्र ही जीवन का सबसे बड़ा वरदान है।
* सच्चे मित्र हीरे की तरह कीमती और दुर्लभ होते हैं, झूठे दोस्त पतझड़ की पत्तियों की तरह हर कहीं मिल जाते हैं।


ना छुरी🔪 रखता हुं
ना पिस्तौल🔫 रखता हुं
काठीयावाड़ी का बेटा हुं
दिल में जिगर रखता हुं
इरादों मे तेज़ धार रखता हुं
इस लिए हंमेशा
अकेला ही निकलता हु
----------------------ँ
बंगले . गाडी तो " काठीयावाड़ी " की घर घर की कहानी हैं.......
.
.
तभी तो दुनिया " काठीयावाड़ी " की दिवानी हैं.
.
--------------------------------------------.
अरे मिट गये " काठीयावाड़ी " को मिटाने वाले
क्योकि आग मे तपती " काठीयावाड़ी " की जवानी है
.
------------------------------------------.
ये आवाज नही शेर कि दहाड़ है….. हम खडे हो जाये तो पहाड है….
.
.
हम इतिहास के वो सुनहरे पन्ने है…..
जो bhagawan ने ही चुने है….दिलदार औऱ दमदार है" " काठीयावाड़ी "
.
.---------------------------------------------
रण भुमि मे तेज तलवार है"" काठीयावाड़ी "
पता नही कितनो की जान है " काठीयावाड़ी "
.
---------------------------------------------------.
सच्चे प्यार पर कुरबान है
"" " काठीयावाड़ी """

यारी करे तो यारो के यार है
"" " " काठीयावाड़ी "

औऱ दुशमन के लिये तुफान है
"" " काठीयावाड़ी ""
.
तभी तो दुनिया कहती है बाप रे खतरनाक है
"" " काठीयावाड़ी """"
.
--------------------------------------.
शेरो के पुत्र शेर ही ज़ाने जाते हैं,
लाखो के बीच. " काठीयावाड़ी " पहचाने जाते हैं।।
.
----------------------------------------.
मौत देख कर किसी क़े पिछे छुपते नही ,
हम" काठीयावाड़ी " ,मरने से क़भी डरते नही।
हम अपने आप पर ग़र्व क़रते हैं, दुशमनों को काटने का जीगरा हम रखते हैं ,
.
--------------------------------------------.
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ,तो भी कोई बात नहीं...
वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट दिया करते हैं।


मुश्किलें जरुर है, मगर ठहरा नही हूँ मैं.
मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूँ मैं.

कदमो को बाँध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूँ मैं.

दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,
दोस्तों से जरा कह दो, अभी बदला नही हूँ मैं.

"साथ चलता है, दुआओ का काफिला,
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूँ मैं.


रुई का गद्दा बेच कर
मैंने इक दरी खरीद ली,
ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने
और ख़ुशी खरीद ली ।

सबने ख़रीदा सोना
मैने इक सुई खरीद ली,
सपनो को बुनने जितनी
डोरी ख़रीद ली ।

मेरी एक खवाहिश मुझसे
मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हंसी से मैंने
अपनी कुछ और ख़ुशी खरीद ली ।

इस ज़माने से सौदा कर
एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और
शामें खरीद ली ।

शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से
और कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही
"सुकून-ए-ज़िंदगी" खरीद ली ।
🌹👣मुस्कुराया करो👣🌹
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣

जब भी करो बात
😊मुस्कुराया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣

जैसे भी रहो,
😃खिलखिलाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣

जो भी हो दर्द,
😔सह जाया  करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣

ज्यादा हो दर्द तो
☝अपनों से कह जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣

जीवन एक नदी है,
🏊 तैरते जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣

ऊँच नीच होगी राह में,
🏂बढ़ते जाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣

अपनापन यहाँ महसूस हो तो
👣👣चले आया करो ।
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣

बहुत सुंदर है यह संसार,
🌹सुंदर और बनाया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣

इसलिए,जब भी करो बात
 😋मुस्कुराया करो
🐾👣🌹👣🐾🌹🐾👣
चाहता तो हूँ की
 ये दुनिया बदल दूँ

 पर इस ज़िन्दगी के‎
 जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती दोस्तो‎🙏


टीचर :- चुम्बकीय शक्ति प्रभाव किसे कहते हैं..?

पप्पू :- जब कोई लड़की स्कूटी पर जाते हुएi
किसी बाइक सवार लड़के के पास से गुजरती है

तो उस लड़के की बाइक की गति स्वत: ही बढ़
जाती है..

लड़की द्वारा उत्पन्न किये गये इस
गति परिवर्तन को ही

"चुम्बकीय शक्ति प्रभाव" कहते हैं।

और ..यदि ये प्रक्रिया नहीं होती है ..तो...
इसका सीधा अर्थ ये है ..कि
लड़के में आयरन की कमी है ...

टीचर - प्रभु चरण कहाँ हैं आपके।
😝😝😝😝😝😂


Sunday, May 24, 2015

छोटा सा जीवन है,
लगभग 80 वर्ष।
उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को
बीत जाता है।
उसका आधा=20 वर्ष
बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।

बचा 20 वर्ष।
उसमें भी कभी योग,

कभी वियोग,
कभी पढ़ाई,
कभी परीक्षा,
नौकरी,
व्यापार और अनेक चिन्ताएँ
व्यक्ति को घेरे रखती हैँ।
अब बचा ही
कितना ?
8/10 वर्ष।
उसमें भी हम
शान्ति से नहीं जी सकते ?
यदि हम
थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,

और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़
जाएँ,
तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवन
प्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?

स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,

1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
👍मौन होना सब से बेहतर है।

2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
👍सफेद रंग सब से बेहतर है।

3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।

4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..
👍पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।

5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।

6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।

7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।

इंसान के अंदर जो समा जायें वो
             " स्वाभिमान "
                    और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
             " अभिमान "
ये मैसेज पूरा पढ़े, और
   अच्छा लगे तो सबको भेजें 🙏

✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो  
      परमात्मा का धन्यवाद ,
     क्योंकि कुछ लोग
      इन लम्हों को तरसते हैं ।

✔जब भी अपने काम पर जाओ
      तो परमात्मा का धन्यवाद करो
     क्योंकि
     बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।

✔परमात्मा का धन्यवाद कहो
     जब तुम तन्दुरुस्त हो ,
     क्योंकि बीमार किसी भी कीमत
     पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश
      रखते हैं ।

✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो
      की तुम जिन्दा हो ,
      क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो
      जिंदगी कीमत ।

दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं ।
देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद


लोहे की एक छड़ का मूल्य होता है 250 रूपये.
इससे घोड़े की नाल बना दी जाये
तो इसका मूल्य हो जाता है 1000 रूपये.
इससे सुईयां बना दी जायें तो इसका मूल्य हो जाता है 10,000 रूपये.

इससे घड़ियों के बैलेंस स्प्रिंग बना दिए जायें तो इसका मूल्य हो जाता है 1,00,000 रूपये... --

"आपका अपना मूल्य-- इससे निर्धारित नहीं होता कि आप क्या है बल्कि इससे निर्धारित होता है कि आप में खुद को क्या बनाने की क्षमता है"!!!!
इतने छोटे बनिए कि
हर कोई आपके साथ बैठे,
..ओर इतने बड़े बनिए कि
आप खड़े हो तो कोई बैठा न रहे..!!

कभी कभी
आप अपनी जिंदगी से
निराश हो जाते हैं,
जबकि
दुनिया में उसी समय
कुछ लोग
आपकी जैसी जिंदगी
जीने का सपना देख रहे होते हैं।


घर पर खेत में खड़ा बच्चा
आकाश में उड़ते हवाई जहाज
को देखकर
उड़ने का सपना देख रहा होता है,
परंतु
उसी समय
उसी हवाई जहाज का पायलट
खेत ओर बच्चे को देख
घर लौटने का सपना
देख रहा होता है।

यही जिंदगी है।
जो तुम्हारे पास है उसका मजा लो।


अगर धन-दौलत रूपया पैसा ही
खुशहाल होने का सीक्रेट होता,
तो अमीर लोग नाचते दिखाई पड़ते,
लेकिन सिर्फ गरीब बच्चे
ऐसा करते दिखाई देते हैं।


अगर पाॅवर (शक्ति) मिलने से
सुरक्षा आ जाती
तो
नेता अधिकारी
बिना सिक्युरिटी के नजर आते।
परन्तु
जो सामान्य जीवन जीते हैं,
वे चैन की नींद सोते हैं।


अगर खुबसुरती और प्रसिद्धि
मजबूत रिश्ते कायम कर सकती
तो
सेलीब्रिटीज् की शादियाँ
सबसे सफल होती।
जबकि इनके तलाक
सबसे सफल होते हैं


इसलिए दोस्तों,
यह जिंदगी ......

सभी के लिए खुबसुरत है
इसको जी भरकर जीयों,
इसका भरपूर लुत्फ़ उठाओ
क्योंकि
जिदंगी ना मिलेगी दोबारा...


सामान्य जीवन जियें...
विनम्रता से चलें ...
और
ईमानदारी पूर्वक प्यार करें...

स्वर्ग यहीं हैं...💐💐💐💐💐💐

एक दोस्त ने नया मोबाइल खरीदा..!!
राहुल : देख, राकेश मैने नया मोबाइल खरीदा..!!

राकेश : वाह.. क्या बात है,

बंदा तेजी मेँ है..

आज पार्टी तो देनी पडेगी तुझे..!

अगर पार्टी देगा तो मैँ भी तुझे एक Gift

दुँगा..!

राहुल : OK चल ठीक है आज रात

को Hotel मेँ पार्टी मेरी तरफ से..

(रात को दोनो Hotel मेँ मिलते है)

राकेश : अरे यार तु इतना गरीब है, एक-एक

रुपया इकठ्ठा करके मोबाइल खरीदा और अब

पार्टी का इंतजाम कैसे किया..?

राहुल : पार्टी के लिए मोबाइल बेच दिया..

तेरे लिए तो जान भी दे दु तु कहे तो...!

राकेश : मुझे पता था तु साला ऐसा ही कुछ

करेगा... इसलिए तुने जिस दुकान पर

मोबाइल बेचा मैने वही से वापस खरीद कर

लाया हु...ले यह मेरी तरफ से"GIFT"

मोरल :"जिँदगी मेँ दोस्त नही बल्कि दोस्त

मेँ जिँदगी होनी चाहिए"

I,,,,,,LovE,,,, ,,,,you,,,,mY,, ,aLL

,,,,,,F,,,,R,,, ,,I,,,,E,,,,N,, ,,,,D,,,,,,,S

👉 अभी शादी का पहला ही साल था,

ख़ुशी के मारे मेरा बुरा हाल था,

खुशियाँ कुछ यूं उमड़ रहीं थी,

की संभाले नही संभल रही थी..

सुबह सुबह मैडम का चाय ले कर आना

... थोडा शरमाते हुये हमें नींद से जगाना,

वो प्यार भरा हाथ हमारे बालों में फिरना,

मुस्कुराते हुये कहना की…

डार्लिंग चाय तो पी लो,

जल्दी से रेडी हो जाओ,

आप को ऑफिस भी है जाना…

घरवाली भगवान का रुप ले कर आयी थी,

दिल और दिमाग पर पूरी तरह छाई थी,

सांस भी लेते थे तो नाम उसी का होता था,

इक पल भी दूर जीना दुश्वार होता था…😍

😃

५ साल बाद……..😓

सुबह सुबह मैडम का चाय ले कर आना,

टेबल पर रख कर जोर से चिल्लाना,

आज ऑफिस जाओ तो मुन्ना को

स्कूल छोड़ते हुए जाना…

सुनो एक बार फिर वोही आवाज आयी,

क्या बात है अभी तक छोड़ी नही चारपाई,

अगर मुन्ना लेट हो गया तो देख लेना,

मुन्ना की टीचर्स को फिर खुद ही संभाल लेना…

ना जाने घरवाली कैसा रुप ले कर आयी थी,

दिल और दिमाग पर काली घटा छाई थी,

सांस भी लेते हैं तो उन्ही का ख़याल होता है,

अब हर समय जेहन में एक ही सवाल होता है…

क्या कभी वो दिन लौट के आएंगे,

हम एक बार फिर कुंवारे हो जायेंगे..
👹👺🙈🙉🙊💀👊💔💇😤😡😥😰😢😂😭😁


पति महाशय सुबह-सुबह whatsapp
खोल कर बैठ गए….
उनकी एक महिला मित्र ने
सैंडविच का फोटो
अपलोड करके
लिखा- आओ सब
नाश्ता करें...
पति महाशय ने कमेंट
किया- बहुत
टेस्टी नाश्ता था,
मजा आ गया...
पत्नी ने यह कमेंट
पढ़ लिया और
पति को नाश्ता नहीँ दिया...
4 घंटे भूखा रखने के
बाद पत्नी बोली-
लंच घर पर करोगे
या Whatsapp पर.??😝😝😝
Sabhi shadishudao ko samrpit..

35 Ways to Respect your children views and ways to know them in a better way. Must read

1. Put away your phone in their
     presence.

2. Pay attention to what they
    are saying.

3. Accept their opinions.

4. Engage in their    
     conversations.

5. Look at them with respect.

6. Always praise them.

7. Share good news with them.

8. Avoid sharing bad news with
    them.

9. Speak well of their friends
    and loved ones to them.

10. Keep in remembrance the
      good things they did.

11. If they repeat a story, listen
      like it's the first time they
      tell it.

12. Don't bring up painful
       memories from the past.

13. Avoid side conversations in
      their presence.

14. Sit respectfully around
       them.

15. Don't belittle/criticize their
      opinions and thoughts.

16. Avoid cutting them off when they speak.

17. Respect their age.

19. Accept their advice and
      direction.

20. Give them the power of
      leadership when they are
      present.

21. Avoid raising your voice at
      them.

22. Avoid walking in front or
      ahead of them.

23. Avoid eating before them.

24. Avoid glaring at them.

25. Fill them with ur
      appreciation even when
      they don't think they
       deserve it.

26. Avoid putting your feet up in front of them or sitting with your back to them.

27. Don't speak ill of them to
      the point where others
      speak ill of them too.

28. Keep them in prayers
      always possible.

29. Avoid seeming bored or
      tired of them in their
      presence.

30. Avoid laughing at their
      faults/mistakes.

31. Do a task before they ask
      you to.

33. Choose your words carefully when speaking with them.

34. Call them by names they
       like.

35. Make them your priority
      above anything.

Children's are parents treasure and their most precious gift on this land. They must have seen the world lesser than you but they see it in a different way which you need to appreciate. Listen to them and try giving them as much time as you can. These moments are more precious than anything in this world👍

एक लड़के की शादी हुयी...
दोस्त से
मशविरा लिया कि अपनी पत्नी का दिल
कैसे जीतूं?
दोस्त ने कहा : उसके पास सिगरेट लगा कर
जाना और धुँवा उसके मुँह में मार कर कहना
"अगर तुम कहो तो ये आदत अभी छोड़
सकता हूँ"
उसने जा कर ऐसा ही किया.
बीवी ने जवाब दिया :
नहीं..!!
Its O.K.
अगर Gold Flake है तो....
एक सुट्टा मुझे भी मारना है.....!!!!
😀😀😀😀😀

Santa was caught by police for killing 20 people in rash driving...

Police: How did u kill 20 people..?

Santa: Me gaadi tez chala raha tha par jab mene brake lagaya, to pata chala ke brake fail ho gaya hai..

fir me saamne dekha to 2 aadmi ja rahe the & dusri taraf 1 barat ja rahi thi..Ab tum batao me gaadi kidhr modta..?

Police: Ofcourse, jis taraf 2 admi the..nuksaan kam hota..

Santa: Exactly...mene bhi yhi socha tha par wo 2 admi meri gaadi dekhkr barat me ghus gaye..

😄😜😂
Ultimate Hit!!


नेपाली नौकर : (सुबह सुबह)-- ओ शाब जी!!
मोटर खराब हो गई।।

साहब जी बड़ा परेशान!!!!

अब क्या करुं नहाऊंगा कैसे??
इस कम्बख्त मोटर को भी सुबह ही खराब होना था।

नौकर: क्या करूं शाब जी ??
फैंक दूं इशको क्या?

साहब जी : पागल है क्या , करवाता हूं शाम तक ठीक.

नौकर : ठीक है शाब जी.
तो फिर ..... . . . . . . .
आज...... . . . . . . . . . . . . . . . . .
आलू में मोटर के बदले गोबी डाल देता हूं शाब जी..😜😝😛


अध्यापिका :- ओये यहां आओ
चपरासी :- मेडम जी मेरा नाम " ओये " नही है आप मुझे नाम लेकर बुलाया करे

अध्यापिका :- अच्छा बताओ क्या नाम है तुम्हारा
चपरासी :- प्राणनाथ
अध्यापिका :- नही कोई ओर नाम बताओ , चलो घर वाले किस नाम से बुलाते हैं
चपरासी:- बालम
अध्यापिका:- ये भी सही नही है चलो मोहल्ले वाले किस नाम से बुलाते हैं
चपरासी:- साजन
अध्यापिका :- ये भी ठिक नही है , सर नेम क्या लगाते हो
चपरासी:- स्वामी

टीचर और स्‍टूडेंट

टीचर : होम वर्क क्यों नहीं किया ..?
स्टूडेंट : सर, लाइट नहीं थी .

टीचर : तो मोमबत्ती जला लेते .
स्टूडेंट : सर, माचिस नहीं थी .

टीचर : माचिस क्यों नहीं थी ?
स्टूडेंट : पूजा घर में राखी हुई थी .

टीचर : तो वहां से ले आते ...
स्टूडेंट : नहाया हुआ नहीं था

टीचर : नहाया हुआ क्यों नहीं था .?
स्टूडेंट : पानी नहीं था सर .

टीचर : पानी क्यों नहीं था ..?
स्टूडेंट : सर मोटर नहीं चल रहा था .

टीचर : मोटर क्यों नहीं चल रहा था ..??
स्टूडेंट : उल्लू के पट्ठे बताया तो था लाइट नहीं थी ....!!


Got this excellent forward. Office goers can relate

Dronacharya:
The Mentor. The employee who doesn't like working himself but is always ready to guide and train new joiners.

Bhishma:
The Loyal. The employee in a relatively senior position who happily assists the boss in spite of knowing his incompetence (because of some strange oath maybe)

Dhritarashtra:
The blind boss. He knows that everything is wrong with his project but will still let it function, without making any changes to the current processes.

Gandhari:
The Yesmen/Women. Boss's immediate juniors who know that they are a part of an evil plan but will stay blindfolded and pretend as if nothing is happening.

Yuddhisthira:
The ethical guy. Poor chap would never fudge timesheets and call in sick only when he is dying.

Bheema:
The angry resource. Always ready to pick up a fight with his peers, subordinates or even the bosses.

Arjuna:
The cool dude. The star performer who also knows how to sell his skills. A natural charmer, very famous among the ladies.

Nakul & Sahdev:
The good average resource. No one notices them. They keep doing their work and get average appraisals.

Duryodhana:
The Bully. Knows how to get work done, by hook or by crook. Doesn't mind threatening the likes of Nakul and Sahdev to get his work done.

Karna:
The unsung hero. The best performer in the office but never claims credit for his work. Stays an unsung hero for all his life. Girls take him for a snobbish nerd.

Shakuni:
The evil plotter. Copies management in every mail. Escalates every trivial issue, sometimes to take credits and sometimes purely for fun.

Draupadi:
The shared resource. Keeps hopping projects on boss's advice.

Krishna:
The Ultimate Boss (MD/CEO) who knows that it is his game while he makes everyone believe that they are playing important roles too.

Who says history never repeats itself? It does, everyday.....in the office.


42°+ temperature....

 Dear Sun,
 Please go to settings>display>brightness and lower your brightness! Please its too hot to handle!

 Sun replied...
 I have not changed any settings.
 Please go to your settings and...
 1. Increase number of trees...
 2. Reduce carbon emissions levels...
 3. Reduce concrete jungles...
 4. Increase number of lakes...

 Basically, switch to human mode from auto mode...!!!

Share this 🌿🌿🌿
Baajuwaali special😂😂

 A man was shocked to see his beautiful divorced neighbour knocking on his door one Friday evening.
 .
 "I'm feeling so lonely that I can't stand it." she said.
 "I want to go out, get drunk & want to enjoy my life. Are you free tonight?"
 .
 "Yes!" he replied enthusiastically.
 .
 "Wonderful." she said. "Then please take care of my kids...
😅?
Moral : Please read instructions carefully before saying yes! All free items* come with terms and conditions apply😀

Saturday, May 23, 2015

एक शराबी छत पे से नीचे गिर
गया.
सब लोग आए और पूछने लगे के
क्या हुआ??
शराबी - " पता नही भाई..... मे
भी जस्ट अभी नीचे आया हूं "

Cheers 🍺🍺😜😄👍


 😃😃😃 संता बंता के घर गया
वहां 'बंता की बीवी को देख कर
बोला...
संता:-
"तेरी और
भाभी की जोड़ी तो 'राम-
सीता की जोड़ी है।
बंता:-
"कहाँ यार...
ना तो ये धरती में 'समाती है
और
ना ही इसे कौई 'रावण ले जाता है😜😜😜😜😜
..Wife aur Girlfriend mein kya difference hota hai..???





Best Answer: karib karib 25 kilo ka...😜😜😜😜







मुजरेवाली
: हम ने आप को खुश किया
अब आप हम को खुश कर
दो हुज़ूर ...

संता भावुक हो गया और बोला:
अच्छा बहिन....
अब तू बैठ, मैं नाचता हूँ।..
😜😜😛😛😝😝😄😄


 - कल जो मैंने एक बच्चे से पूछा:
पढ़ाई कैसी चल रही है?
उसका जवाब आया
अंकल,
समंदर जितना सिलेबस है;
नदी जितना पढ़ पाते हैं;
बाल्टी जितना याद होता है;
गिलास भर लिख पाते हैं;
चुल्लू भर नंबर आते हैं;
उसी में डूब कर मर जाते हैं।
🍂😪🍂😇🌴😝🌊😡💲




सलमान खान लडकी देखने गया।

उसे देखके लडकी की माँ बेहोश हो गयी।

होश आया तो किसीने पूछा – "क्या हुआ"?

माँ बोली - "२4 साल पहले ये लडका मुझे भी देखने आया था।"😳😱😭






शादी के 5 साल बाद , वेलेनटाईन डे के दिन पति बीवी के लिये सफेद गुलाब लाया ....

बीवी :-- ये क्या सफेद गुलाब ? वेलेनटाईन डे के दिन तो रेड रोज देते है ना ??...

पति :-- अब जिन्दगी में , प्यार से ज्यादा शांति की
           जरूरत है !!!!!😝😝😝😝

---------------------------------

😄😜 ---------फन टाईम ----

पति --अपने मैरिज सर्टिफिकेट को एक घंटे से देख रहा था

बीबी :- तुम 1 घंटे से क्या देख रहे हो ??

पती :- expiry date ढूंढ रहा था !! सालो ने लिखी ही नही 😥😛😱😝😝
किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!
डरिये वक़्त की मार से,
बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..!
अकल कितनी भी तेज ह़ो,
नसीब के बिना नही जित सकती..!
बिरबल अकलमंद होने के बावजूद,
कभी बादशाह नही बन सका...!!"
"ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो,
ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो !
एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है!
इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से!
रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योकि
 कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर
 जीवन अमीर जरूर बना देते है !!! "
किसी ने क्या खूब लिखा है.....

सांप बेरोजगार हो गये,
अब आदमी काटने लगे.....

कुत्ते क्या करें ?...
जब "तलवे," आदमी चाटने लगे..!!

कहीं चांदी के चमचे हैं....!!
तो कहीं चमचों की चांदी है...!!

 ''छोटी छोटी बातें दिल में रखने से
बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं"

कभी पीठ पीछे आपकी बात चले
तो घबराना मत ...

बात तो "उन्हीं की होती है"..
जिनमें कोई " बात " होती है.
एक अमेरिकन बोला भाई साहब बताइये अगर आपका भारत महान है तो सँसार के इतने आविष्कारों में आपके देश का क्या योगदान है??

हिन्दुस्तानी - अरे अमरीकन सुन!!...

१. संसार की पहली फायर प्रूफ लेडी भारत में हुई!!

नाम था "होलिका" आग में जलती नही थी!!

इसीलिए उस वक्त फायर ब्रिगेड चलती नही थी!!

२. संसार की पहली वाटर प्रूफ बिल्डिँग भारत में हुई!!

नाम था भगवान विष्णु का "शेषनाग"!!

काम तो ऐसे जैसे "विशेषनाग" !!

३. दुनिया के पहले पत्रकार भारत में हुए!!

"नारदजी"

जो किसी राजव्यवस्था से नही डरते थे!!

तीनों लोक की सनसनीखेज रिपोर्टिँग करते थे!!

४. दुनिया के पहले कॉँमेन्टेटर

"संजय"

हुये, जिन्होंने नया इतिहास बनाया!!

महाभारत के युद्ध का आँखो देखा हाल अँधे " ध्रतराष्ट " को उन्ही ने सुनाया!!

५. दादागिरी करना भी दुनिया को हमने सिखाया क्योंकि वर्षो पहले हमारे

" शनिदेव "

ने ऐसा आतँक मचाया कि

" हफ्ता "

वसूली का रिवाज उन्ही के शिष्यो ने चलाया!!

आज भी उनके शिष्य हर शनिवार को आते है!

उनका फोटो दिखाकर हफ्ता ले जाते है!!

6. दुनिया का पहला Bodybuilder - अंजलि पुत्र

" हनुमान " और

दूसरा Bodybuilder -

" भीम "

तब तुमरा American Arnold पैदा भी नहीं हुआ था!

अमेरिकन बोला दोस्त फालतू की बातें मत बनाओ!

कोई ढ़ंग का आविष्कार हो तो बताओ!!

जैसे हमने इँसान की किडनी बदल दी, बाईपास सर्जरी कर दी आदि!!

हिन्दुस्तानी बोला रे अमरीकन सर्जरी का तो आइडिया ही दुनिया को हमने दिया था!!

तू ही बता

" गणेशजी "

का ऑपरेशन क्या तेरे बाप ने किया था!!

अमरीकन हडबडाया!!

गुस्से मेँ बडबडाया!!

देखते ही देखते चलता फिरता नजर आया!!

तब से पूरी दुनिया को हम पर मान है!!!

दुनिया में देश कितने ही हो पर सब में मेरा "भारत" महान है..

हिन्दुस्तानी होने पर थोडा सा भी गर्व है तो इसे शेयर जरूर करे।।

I LOVE MY INDIA

कृपया इसे ध्यान से पढ़े और अपने मित्रों और परिवार को सलाह दें !
आप किसी का जीवन बचा सकते हैं !

पहली घटना: एक छोटा बच्चा इसलिए मर गया क्योंकि डॉक्टर को उसके दिमाग में चींटियाँ ही चींटियाँ मिली ! जो स्पष्ट करता है कि बच्चा या तो मुँह में कोई मीठी चीज रख के सो गया या या उसके बगल में सोते समय कोई खाने की मीठी चीज रखी रह गई. चींटियाँ उसके पास पहुँच गईं और उसके कान के अंदर घुस गई और वहाँ से किसी तरह उसके दिमाग तक पहुँच गयी. जब बच्चा जागा उसे पता भी नहीं चला की चींटियाँ उसके सिर में पहुँच गई. उसके बाद उसने लगातार अपने चेहरेे में खुजलाहट की शिकायत की. उसकी माँ उसको डॉक्टर के पास ले गई पर डॉक्टर को भी तत्काल कुछ समझ नहीं आया कि उसके साथ क्या परेशानी है.जब उसने बच्चे का X-ray लिया तब घटना की भयंकरता का पता चला। उसने जीवित चींटियों की भीड़ को उसकी खोपड़ी में रेंगते देखा,पर डॉक्टर ऑपरेशन नहीं कर सका क्योंकि चींटियाँ लगातार एक स्थान से दूसरी स्थान तक उसके दिमाग में घूम रहीं थीं। अंत में बच्चा मर गया। अतः बिस्तर में खाते समय कोई भी खाने की चीज बिस्तर के पास न छोड़े । खाने की चीज चींटियों को आकर्षित कर सकती है। और सबसे महत्वपुर्ण बिस्तर में जाने से पहले आप या आपके बच्चों को मिठाई नहीं खानी चाहिए । ऐसा करके आप या आपके बच्चे सोते समय चींटियों को निमंत्रण देंगे।

दूसरी घटना: ऐसी ही सामान घटना ताइवान के हॉस्पिटल में हुई । यह व्यक्ति हॉस्पिटल में एडमिट था। उसे नर्सों के द्वारा लगातार चेतावनी दी गई थी की हॉस्पिटल में चींटियों की समस्या है अतः कोई भी खाने की चीज अपने बिस्तर के पास न रखे। पर उसने उनकी सलाह पे ध्यान ही नहीं दिया। और अंत में चींटियों का शिकार बन गया । उसके परिवार वालों ने बताया की वह लगातार सर दर्द की शिकायत करता था। वह मर गया और उसका पोस्ट मोरटम या ऑटोप्सी किया गया। डॉक्टरों ने उसके सिर में जिन्दा चींटियों का समूह पाया । स्पष्ट बात है की चींटियाँ उसके दिमाग के एक हिस्से को खा रहीं थीं। तो मित्रों, दुःख मनाने से अच्छा सुरक्षित रहना है। जब भी आप सोने जाएं अपने बिस्तर के पास खाने पिने की चीज न छोड़ें। यदि आप किसी के जीवन का ध्यान रखते हैं....... तो सन्देश को आगे भेजें।


पाकिस्तान के एक गाँव में रामफल
रहता था ,
उसका परिवार ही बस हिन्दू था पुरे
गाँव
में .....
एक दिन उसका बाबु गुजर
गया तो वो गाँव के
सर
पंच के पास गया और बोला सरपंच
जी मेरे बाबु
का देहांत हो गया है मुझे
उनका अंतिम संस्कार
करना है
वो सरपंच बोला देख रामफल ये
मुसलमानों का गाँव
है यहाँ तो बस तुम दफना सकते
हो ,बेचारा रामफल
उस टाइम तो मान गया और अपने बाबु
को दफना दिया !
....पर उसको चैन नही आया और सोचने
लगा की जब तक बाबु की चिता को आग
नही मिलेगी तब तक
उनकी आत्मा को शांति नही मिलेगी ,इसलिए
कुछ
तो करना पड़ेगा
जब थोड़ी सी रात हुई
तो वो कब्रिस्तान
गया और
अपने बाबु को कब्र से निकाल कर साथ
वाली कब्र
में लेटा आया और सुबह सरपंच के पास
गया और
बोला सरपंच जी बहुत बड़ी गड़बड़
होगी कार
की चाबी मेरे बाबु की जेब में ही रह
गयी है
इसलिए
एक बार कब्र खोदने पड़ेगी
सरपंच उसकी बात मान कर कुछ
आदमियों को कब्र
खोदने के लिए ले गया
जब कब्र खोदी तो रामफल का बाबु उसमे
नही मिला ये देख कर सब हेरान हो गये
और
सोचने
लगे की लाश कहा गयी
.......तभी रामफल बोला सरपंच जी मेरे
बाबु
तो सुबह घुमने की आदत थी और वो घूमते
घूमते दूर
दूर तक चले जाते थे इसलिए हो सकता है
की किसी दूसरी कब्र में चले गये
होंगे
सरपंच बोला ऐसा नही होता ,रामफल
बोला आप मेरे
बाबु को नही जानते
वो कही भी जा सकते हैं
सरपंच ने उसकी बात मान कर 2-3 कब्र और
खुदवा दी
.......और फिर रामफल का बाबु एक औरत
की कब्र
में मिला वो कब्र सरपंच
की पत्नी की थी और
उसके
बाबु को अपनी पत्नी के साथ लेटा देख
कर
सरपंच
को आग सी लाग गी और बोला जल्दी से
इसको अग्नि दे दो वरना ये कल
किसी और
की लुगाई के साथ मिलेगा ......
 हमारे जीने का अलग अंदाज है
एक आँख में आँसू तो दूसरे में ख्वाब है


टूटे हुए ख्वाबो पे आँसू बहा लेते है
और दूसरी आँख में फिर से ख्वाब सज़ा लेते है




 जितने के लिए कोई चीज़ है तो - प्रेम

पिने के लिए कोई चीज़ है तो - क्रोध

खाने के लिए कोई चीज़ है तो - गम
देने के लिए कोई चीज़ है तो - दान

दिखाने के लिए कोई चीज़ है तो - दया

लेने के लिए कोई चीज़ है तो - ज्ञान
कहने के लिए कोई चीज़ है तो - सत्य

रखने के लिए कोई चीज़ है तो - इज्ज़त

फेंकने के लिए कोई चीज़ है तो - इर्ष्या

छोड़ने के लिए कोई चीज़ है तो - मोह


एक लड़की अपने ब्वॉयफ़्रेंड को अपने घर आने
का रास्ता बता रही थी।
" देखो, बिल्डिंग के अंदर आकर बाईं तरफ़
लिफ़्ट है। लिफ़्ट में आकर अपनी कोहनी से
9 नम्बर का बटन दबाना –जब नौवें फ़्लोर
पर आ जाओ तो राइट हैंड पर दूसरा फ़्लैट
हमारा है।
यहाँ आकर अपनी कोहनी से घंटी का
बटना दबाना, मैं दरवाज़ा खोल दूंगी "
ब्वॉयफ़्रेंड: लेकिन स्वीटहार्ट ये सब बटन
मैं उंगली से दबाऊंगा तो ज़्यादा
आसानी होगी
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
लड़की: ओह माई गॉड!!!... मतलब तुम
खाली हाथ आ रहे हो?!!!
😂😂😂😂😂😂😂😂

एल.एल.बी. की पढाई...
 ==================
प्रोफेसर:- अगर तुम्हें
किसी को संतरा देना हो तो क्या बोलोगे ?

छात्र:- ये संतरा लो ।

प्रोफेसर:- नहीं... एक वकील की तरह बोलो...
 . .
छात्र:- मैं एतद् द्वारा, अपनी पूरी रुचि व होशो-हवास
में और बिना किसी के दबाव में आए इस
फल, जो कि संतरा कहलाता है, और जिस पर
मैं पूरा मालिकाना हक़ रखता हूँ,
को उसके छिलके, रस, गूदे और बीज सहित
आपको देता हूँ और इसके साथ
ही आपको इस बात सम्पूर्ण व
बिना शर्त अधिकार भी देता हूँ कि आप
इसे काटने, छीलने, फ्रिज में रखने या खाने
के लिये पूरी तरह स्वतंत्र हैं; आप यह
अधिकार भी रखेंगे कि आप किसी भी अन्य
व्यक्ति को यह फल इसके छिलके, रस, गूदे
और बीज के बिना या उसके साथ दे सकते
हैं ;
मैं घोषणा करता हूं कि आज से पहले इस संतरे से
संबंधित
किसी भी प्रकार के वाद विवाद,
झगड़े की समस्त जिम्मेदारी मेरी है
और
अब के बाद
मेरा किसी भी प्रकार से इस संतरे से
कोई सम्बन्ध नहीं रह जाएगा..!!

प्रोफेसर : प्रभु आपके चरण कहाँ हैं ।



 😀😜😝😛

हरप्रीत सिंह इंग्लैंड में रहता था।

उसके साथ उसकी माँ और बाबूजी भी रहा करते थे।
अचानक उसकी माँ चल बसी
तो उसने माँ का पार्थिव शरीर बक्से में पैक करवा कर अपने गाँव भेजा।

 गाँव में उसके भाई मनप्रीत सिंह ने बक्सा खोला तो देखा कि बक्से में माँ की लाश तो थी, लेकिन एक इंच जगह भी खाली नहीं थी। माँ के हाथ छाती पर थे और अंगुलियों में एक चिट्ठी फँसी थी।

 मनप्रीत ने ऊँची आवाज़ में वह चिट्ठी पढ़नी शुरू की।

"प्यारे भाई मनप्रीत, जसप्रीत, सुखविंदर और परमिंदर,
 माफ़ करना मैं ख़ुद नहीं आ सका क्योंकि मेरी तनख़्वाह काट दी जाती।

मैं माँ को बक्से में इसलिए भेज रहा हूँ, क्योंकि वह चाहती थी कि उसका क्रियाकर्म गाँव में ही हो।

 लाश के नीचे इंपोर्टेड चॉकलेट के कई पैकेट रखे हैं, इसे बच्चों में बाँट देना।

यहाँ अखरोट अच्छे मिलते हैं इसलिए तुम्हें बक्से में अखरोट के भी दो बड़े पैकेट मिलेंगे।

माँ के पैरों में तुम्हें दो जोड़े सैंडल के और एक जोड़ा रीबॉक जूतों का बंधा मिलेगा।
सैंडल संतो मौसी और राजवंत कौर के लिए हैं, और जूते मोहिंदर के लिए हैं। शायद साइज़ ठीक ही होगा।

माँ ने चार जींस पहनी हुई हैं,

एक तुम्हारे लिए, एक जसप्रीत और बाक़ी दोनों सुखविंदर और परमिंदर के लिए है।

माँ के एक हाथ में स्विस घड़ी होगी,

 जिसे प्रीतो भाभी ने मंगाया था।

जीतो ने जो नेकलेस मंगाया था वह माँ के गले में है,

पम्मी ने जो कान की बालियाँ मंगाई थीं वह माँ के कानों में हैं।
 उन्हें ये सारी चीज़ें निकाल कर दे देना।

माँ कै पैरो में छः जोड़ी मोज़े हैं,

उन्हें मेरे भतीजों के बीच बाँट देना।

माँ ने छः टी-शर्ट भी पहन रखे हैं,

 उन्हें मेरे सालों को दे देना।


अगर किसी और चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बता देना,

आजकल बाबूजी की तबीयत भी ज़रा ठीक नहीं रहती"।
😳😳😳😳😳😳😳😳
When I was small 😊

• I'd put my arms in my
shirt and told people
I lost my arms
 
• Would restart the video
game whenever I knew I was going to lose

• Had that one pen with
four colors, and tried to push all the buttons at once

• Waited behind a door to
scare someone, then leaving because they're taking too long to come out.

• Faked being asleep,so I
could be carried to bed.

• Used to think that the moon followed our car

• Tried to balance the switch between On/Off

• Watching two drops of
rain roll down window and pretending it was a race

• The only thing i had to
take care of was a school bag.

• Swallowed a fruit seed I
was scared to death that a tree was going to grow in my tummy.

• Closed the fridge
extremely slowly to see
when the lights went off.

• Walked into a room,. forgot what you needed, Walked out, and then remember.

Remember when we were
kids and couldn't wait to grow up? and now we think why did we even grow up?

Childhood Was The Best Part Of our Life

i know u have a smile on ur face while reading the msg....if u want someone close to u smile too...go ahead..share the joyful memories 😄

Finally, I found the answer to the most asked question in my childhood ..
What do you want to become when you grow up?
,




A child again.😊


Few Beautiful lines...

किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!
डरिये वक़्त की मार से,
बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..!
अकल कितनी भी तेज ह़ो,
नसीब के बिना नही जित सकती..!
बिरबल अकलमंद होने के बावजूद,
कभी बादशाह नही बन सका...!!"
"ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो, ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो ! एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है! इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से! रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर जीवन अमीर जरूर बना देते है !!! "

🍀 Ten Gurumantras for a cool life:

1. Money is not everything. There's also Mastercard & Visa.😉

2. One should love animals. They are tasty too.😜

3. Save water. Drink on the rocks.😎

4. Fruits/Salads are healthy. So leave it for sick.😅

5. Books are holy. So don't touch them.😊

6. Don't shout in the office. It disturbs those who are sleeping.😱

7. Love thy neighbor. But don't get caught.😍

8. Hard work never killed anyone, but why take the chance.😳

9. Why do something today when it can be done tomorrow. By someone else.😂

10. Every one should marry because happiness is not the only thing in life😜


चार लाइन दोस्तों के नाम-

काश फिर मिलने की वजह मिल जाए
साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए,
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए..
मौसम को जो महका दे उसे
'इत्र' कहते हैं
जीवन को जो महका दे उसे ही 'मित्र' कहते है l
क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त
क्यूँ गम को बाँट लेते हैं दोस्त
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त

प्यार तो किया मैंने बहुत,
मगर इज़हार न करना आया,
उसने पूछा तो मुझसे बहुत,
मगर इकरार न करना आया.
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है,
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है,
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी,
हमसफर उनका कोई और होता है.
ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
और मेरी जान पैदल होगी.
मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहाँ तक है,
तु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहाँ तक है,
व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहाँ तक है.
तेरे लिए खुद को मजबूर कर लिया,
ज़ख्मो को अपने नासूर कर लिया,
मेरे दिल में क्या था ये जाने बिना,
तुने खुद को हमसे कितना दूर कर लिया.

अमेरिका मा इंटरव्यू
मेनेजर : व्हेर आर यु फ्रॉम ?
लड़का : सर, इंडिया.
मेनेजर : अरे वाह. इंडिया में कहाँ से ?
लड़का : सर, गुजरात से.
मेनेजर : शुं वात छे.. गुजरात मा क्याथी छो.
लड़का : अमरेली थी .
मेनेजर : इनी माने ! अमरेली नो छो ?
लड़का : साहेब तमे पण अमरेली ना छो ?
मेनेजर : हा हो...काल थी आवी जा नोकरी पर...
लड़का : साहेब मरो बायोडेटा तो जोई लो...
मेनेजर : कई नथी जोवो बायोडेटा...
अमरेली वाळा ने बधु काम आवडतुज होय.........
लाव मावो काढ..


Please Read This....


देह मेरी ,

हल्दी तुम्हारे नाम की ।



हथेली मेरी ,

मेहंदी तुम्हारे नाम की ।



सिर मेरा ,

चुनरी तुम्हारे नाम की ।



मांग मेरी ,

सिन्दूर तुम्हारे नाम का ।



माथा मेरा ,

बिंदिया तुम्हारे नाम की ।



नाक मेरी ,

नथनी तुम्हारे नाम की ।



गला मेरा ,

मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का ।



कलाई मेरी ,

चूड़ियाँ तुम्हारे नाम की ।



पाँव मेरे ,

महावर तुम्हारे नाम की ।



उंगलियाँ मेरी ,

बिछुए तुम्हारे नाम के ।



बड़ों की चरण-वंदना

मै करूँ ,

और'सदा-सुहागन'का आशीष

तुम्हारे नाम का ।



और तो और -

करवाचौथ/बड़मावस के व्रत भी

तुम्हारे नाम के ।



यहाँ तक कि

कोख मेरी/ खून मेरा/ दूध मेरा,

और बच्चा ?

बच्चा तुम्हारे नाम का ।



घर के दरवाज़े पर लगी

'नेम-प्लेट'तुम्हारे नाम की ।



और तो और -

मेरे अपने नाम के सम्मुख

लिखा गोत्र भी मेरा नहीं,

तुम्हारे नाम का ।



सब कुछ तो

तुम्हारे नाम का...



Namrata se puchti hu?



आखिर तुम्हारे पास...

क्या है मेरे नाम का?



एक लड़की ससुराल चली गई।

कल की लड़की आज बहु बन गई.

कल तक मौज करती लड़की,

अब ससुराल की सेवा करना सीख गई.

कल तक तो टीशर्ट और जीन्स पहनती लड़की,

आज साड़ी पहनना सीख गई.

पिहर में जैसे बहती नदी,

आज ससुराल की नीर बन गई.

रोज मजे से पैसे खर्च करती लड़की,

आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.

कल तक FULL SPEED स्कुटी चलाती लड़की,

आज BIKE के पीछे बैठना सीख गई.

कल तक तो तीन वक्त पूरा खाना खाती लड़की,

आज ससुराल में तीन वक्त

का खाना बनाना सीख गई.

हमेशा जिद करती लड़की,

आज पति को पूछना सीख गई.

कल तक तो मम्मी से काम करवाती लड़की,

आज सासुमां के काम करना सीख गई.

कल तक भाई-बहन के साथ

झगड़ा करती लड़की,

आज ननद का मान करना सीख गई.

कल तक तो भाभी के साथ मजाक करती लड़की,

आज जेठानी का आदर करना सीख गई.

पिता की आँख का पानी,

ससुर के ग्लास का पानी बन गई.

फिर लोग कहते हैं कि बेटी ससुराल जाना सीख गई.

(यह बलिदान केवल लड़की ही कर

सकती है,इसिलिए हमेशा लड़की की झोली ,

वात्सल्य से भरी रखना...)



बात निकली है तो दूर तक जानी चाहिये!!!

शेयर जरुर करें और लड़कियो को सम्मान दे!

वैश्य धन का भूखा होता है।
क्षत्रिय खून का प्यासा होता है।
शुद्र अन्न का भूखा होता है।
पर ब्राम्हण?
साहब ब्राम्हण सम्मान का भूखा होता है।
ब्राम्हण को सम्मान दे दो वो तुम्हारे लिऐ
जान देने को तैयार हो जाऐगा।
अरे दुनिया वालो आजमाकर
तो देखो हमारी दोस्ती को।
मुसलमान अशफाक उल्ला खान बनकर हाथ
बढ़ाता है,हम बिस्मिल बनकर गले लगा लेते है।
क्षत्रिय चंद्रगुप्त बनकर पैर छू लेता है,हम
चाणक्य बनकर पूरा भारत जितवा देते है।
सिख भगत सिह बनकर हमारे पास आता है।
हम चंद्रशेखर आजाद बनकर उसे बेखौफ
जीना सिखा देते है।
कोई वैश्य गाधी बनकर हमे गुरु मान लेता है हम
गोपाल कृष्ण गोखले बनकर उसे
महात्मा बना देते है।
और
कोई शूद्र शबरी बनकर हमसे वर मागता है,
तो हम उसे भगवान से मिलवा देते है।
अरे एक बार सम्मान तो देकर देखो हमें...........
........ फर्ज न अदा करे तो कहना
जय जय राम!!जय जय परशुराम!!

-- पुराणों में कहा गया है -

     विप्राणां यत्र पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता ।

  जिस स्थान पर ब्राह्मणों का पूजन हो वंहा देवता भी निवास करते हैं अन्यथा ब्राह्मणों के सम्मान के बिना देवालय भी शून्य हो जाते हैं । इसलिए

   ब्राह्मणातिक्रमो नास्ति विप्रा वेद विवर्जिताः ।।

  श्री कृष्ण ने कहा - ब्राह्मण यदि वेद से हीन भी तब पर भी उसका अपमान नही करना चाहिए । क्योंकि तुलसी का पत्ता क्या छोटा क्या बड़ा वह हर अवस्था में कल्याण ही करता है ।

  ब्राह्मणोंस्य मुखमासिद्......

   वेदों ने कहा है की ब्राह्मण विराट पुरुष भगवान के मुख में निवास करते हैं इनके मुख से निकले हर शब्द भगवान का ही शब्द है, जैसा की स्वयं भगवान् ने कहा है की

   विप्र प्रसादात् धरणी धरोहम
   विप्र प्रसादात् कमला वरोहम
   विप्र प्रसादात्अजिता$जितोहम
   विप्र प्रसादात् मम् राम नामम् ।।

   ब्राह्मणों के आशीर्वाद से ही मैंने धरती को धारण कर रखा है अन्यथा इतना भार कोई अन्य पुरुष कैसे उठा सकता है, इन्ही के आशीर्वाद से नारायण हो कर मैंने लक्ष्मी को वरदान में प्राप्त किया है, इन्ही के आशीर्वाद से मैं हर युद्ध भी जीत गया और ब्राह्मणों के आशीर्वाद से ही मेरा नाम "राम" अमर हुआ है, अतः ब्राह्मण सर्व पूज्यनीय है । और ब्राह्मणों का अपमान ही कलियुग में पाप की वृद्धि का मुख्य कारण है ।

  - किसी में कमी निकालने की अपेक्षा किसी में से कमी निकालना ही ब्राह्मण का धर्म है,  



मैं कभी किसी का बुरा नहीं चाहता
जो मुझमें आस्था रखता है मैं पल पल उसके कल्याण की दुआ मांगता हु
क्युकि मैं एक ब्राहम्ण हुं

       
समस्त ब्राह्मण सम्प्रदाय को समर्पित


Friday, May 22, 2015

एक नेताजी अपने घर के दरवाजे पर खड़े थे ,
तभी एक प्यासा आदमी आया और बोला -:
"भाई साहब ! प्यासा हूँ...
पानी पिला देंगे...??"
नेताजी ने कहा -: "अभी घर में
आदमी नहीं हैं ...!!!"
.
यह कहकर नेताजी मोबाइल पर बात करने लगे ,
जब वह मोबाइल पर बात कर चुके तब उस
आदमी ने फिर कहा -:
"भाई साहब पानी पिला दीजिए...!!"
.
नेताजी ने कहा -: "तुमको बोला ना कि घर
में कोई.आदमी नही है...!!"
.
वो प्यासा आदमी बहुत प्यार से बोला -:
"भाई साहब.थोड़ी देर के लिये आप
ही आदमी बन.जाइये....!!


माँ तू क्या है?
किस मिटटी की बनी है तू?
क्यूँ इतना भार सह लेती है?
क्यूँ हँस कर
हर गम सह लेती है?
हमे सुलाने की खातिर तू,
क्यूँ जगती है रात-रात भर?
क्यूँ खुद भूखी रह कर भी
हम बच्चों का भरती पेट?
क्यूँ अपने अरमानों का दम घोंटकर
बच्चों की ख्वाहिश करती पूरी?
क्यूँ सहती है तू इतना कुछ?
क्या क्रोध नहीं आता है तुझको?
लाख ग़मों से घिरी हो फिर भी
बच्चों का हँसना भाता है तुझको..
किस मिटटी से बनी है माँ तू?
इतना बड़ा दिया किसने दिल?
क्यूँ राम भी चाहें तेरा पालना
क्यूँ कान्हा तेरी कोख में आये?
क्या है तेरे इस आँचल में?
जो हर भय को दूर भगाए?
तेरी ममता की जग कायल
आंसू तेरे बने गंगाजल
तू अमृत के खान के जैसी
तू धड़कन या जान के जैसी
तुने दिया मुझे इक नाम
तेरी ममता को सलाम
तेरी ममता को सलाम

This message is beyond all relationships, read this poem all.. it's touching reality

 When I'll be dead.....,
 Your tears will flow,..
 But I won 't know...
 Cry for me now instead !

 you will send flowers,..
 But I won't see...
 Send them now instead !

 you'll say words of praise,..
 But I won't hear..
 Praise me now instead !

 you'll forget my faults,..
 But I won't know...
 Forget them now, instead !

 you'll miss me then,...
 But I won't feel...
 Miss me now, instead

you'll wish...
you could have spent more time with me,...
Spend it now instead !!

 Moral......

 ''Spend time with every person around you, your families, friends, lover, acquainted....
 Make them feel Special ,
 Because you never know when time will take them away from you forever''..

Life is too short.
Love all and Forgive all.



Thursday, May 21, 2015

💥पैसा💥


जब पैसा नहीं होता है तो सब्जियां पका के खाता है
और
जब पैसा आ जाता है तो सब्जियां कच्ची खाता है।


जब पैसा नहीं होता है तो मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाता है
और
जब पैसा आ जाता है तो इंसान भगवान को दर्शन देने जाता है।


जब पैसा नहीं होता है तो नींद से जगाना पड़ता है
और
जब पैसा आ जाता है तो नींद की गोली देके सुलाना पड़ता है।


जब पैसा नहीं होता है तो अपनी बीवी को सेक्रेट्री समझता है
लेकिन जब पैसा आ जाता है तो सेक्रेट्री को बीवी बना लेता है।।


ऐसा है ये पैसा अजीब है ये पैसा...

A beautiful girl who was staying in a hotel, puts her finger on hotel manager's lips...

Manager smiles, kisses and licks each finger one by one.

Girl: Do you like it?

Manager: Oh yeah.

Girl: Now go and tell your boss that there is no tissue paper in the toilet.

The best way to express customer complaint
😁😁😝


 आइये अपने 16 संस्कारों के बारे में जानें ...

1.गर्भाधान संस्कार - ये सबसे पहला संस्कार है l बच्चे के जन्म से पहले माता -पिता अपने परिवार के साथ गुरुजनों के साथ यज्ञ करते हैं और इश्वर को प्रार्थना करते हैं की उनके घर अच्छे बचे का जन्म हो, पवित्र आत्मा, पुण्यात्मा आये l जीवन की शुरूआत गर्भ से होती है। क्योंकि यहां एक जिन्दग़ी जन्म लेती है। हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चे, हमारी आने वाली पीढ़ी अच्छी हो उनमें अच्छे गुण हो और उनका जीवन खुशहाल रहे इसके लिए हम अपनी तरफ से पूरी पूरी कोशिश करते हैं। ज्योतिषशास्त्री कहते हैं कि अगर अंकुर शुभ मुहुर्त में हो तो उसका परिणाम भी उत्तम होता है। माता पिता को ध्यान देना चाहिए कि गर्भ धारण शुभ मुहुर्त में हो। ज्योतिषशास्त्री बताते हैं कि गर्भधारण के लिए उत्तम तिथि होती है मासिक के पश्चात चतुर्थ व सोलहवीं तिथि (Fourth and Sixteenth Day is very Auspicious for Garbh Dharan)। इसके अलावा षष्टी, अष्टमी, नवमी, दशमी, द्वादशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा और अमवस्या की रात्रि गर्भधारण के लिए अनुकूल मानी जाती है। गर्भधारण के लिए उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, रोहिणी, मृगशिरा, अनुराधा, हस्त, स्वाती, श्रवण, घनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र बहुत ही शुभ और उत्तम माने गये हैं l ज्योतिषशास्त्र में गर्भ धारण के लिए तिथियों पर भी विचार करने हेतु कहा गया है। इस संस्कार हेतु प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, द्वादशी, त्रयोदशी तिथि को बहुत ही अच्छा और शुभ कहा गया है l गर्भ धारण के लिए वार की बात करें तो सबसे अच्छा वार है बुध, बृहस्पतिवार और शुक्रवार। इन वारों के अलावा गर्भधारण हेतु सोमवार का भी चयन किया जा सकता है, सोमवार को इस कार्य हेतु मध्यम माना गया है। ज्योतिष सिद्धान्त के अनुसार गर्भ धारण के समय लग्न शुभ होकर बलवान होना चाहिए तथा केन्द्र (1, 4 ,7, 10) एवं त्रिकोण (5,9) में शुभ ग्रह व 3, 6, 11 भावों में पाप ग्रह हो तो उत्तम रहता है। जब लग्न को सूर्य, मंगल और बृहस्पति देखता है और चन्द्रमा विषम नवमांश में होता है तो इसे श्रेष्ठ स्थिति माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र कहता है कि गर्भधारण उन स्थितियों में नहीं करना चाहिए जबकि जन्म के समय चन्द्रमा जिस भाव में था उस भाव से चतुर्थ, अष्टम भाव में चन्द्रमा स्थित हो। इसके अलावा तृतीय, पंचम या सप्तम तारा दोष बन रहा हो और भद्रा दोष लग रहा हो। ज्योतिषशास्त्र के इन सिद्धान्तों का पालन किया जाता तो कुल की मर्यादा और गौरव को बढ़ाने वाली संतान घर में जन्म लेगा .


2. पुंसवन संस्कार - - पुंसवन संस्कार के दो प्रमुख लाभ- पुत्र प्राप्ति और स्वस्थ, सुंदर गुणवान संतान है।पुंसवन संस्कार गर्भस्थ बालक के लिए किया जाता है, इस संस्कार में गर्भ की स्थिरता के लिए यज्ञ किया जाता है l

3. सीमन्तोन्नयन संस्कार- यह संस्कार गर्भ के चौथे, छठवें और आठवें महीने में किया जाता है। इस समय गर्भ में पल रहा बच्च सीखने के काबिल हो जाता है। उसमें अच्छे गुण, स्वभाव और कर्म आएं, इसके लिए मां उसी प्रकार आचार-विचार, रहन-सहन और व्यवहार करती है। भक्त प्रह्लाद और अभिमन्यु इसके उदाहरण हैं। इस संस्कार के अंतर्गत यज्ञ में खिचडी की आहुति भी दी जाती है l

4. जातकर्म संस्कार- बालक का जन्म होते ही इस संस्कार को करने से गर्भस्त्रावजन्य दोष दूर होते हैं। नालछेदन के पूर्व अनामिका अंगूली (तीसरे नंबर की) से शहद, घी और स्वर्ण चटाया जाता है। जब नवजात शिशु जन्म लेता है तब 1% घी, 4% शहद से शिशु की जीभ पर ॐ लिखते हैं ..

5. नामकरण संस्कार- जन्म के बाद 11वें या सौवें या 101 वें दिन नामकरण संस्कार किया जाता है। सपरिवार और गुरुजनों के साथ मिल कर यज्ञ किया जाता है तथा ब्राह्मण द्वारा ज्योतिष आधार पर बच्चे का नाम तय किया जाता है। बच्चे को शहद चटाकर सूर्य के दर्शन कराए जाते हैं। उसके नए नाम से सभी लोग उसके स्वास्थ्य व सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। वेद मन्त्रों में जो भगवान् के नाम दिए गए हैं, जैसे नारायण, ब्रह्मा, शिव - शंकर, इंद्र, राम - कृष्ण, लक्ष्मी, देव - देवी आदि ऐसे समस्त पवित्र नाम रखे जाते हैं जिससे बच्चे में इन नामों के गुण आयें तथा बड़े होकर उनको लगे की मुझे मेरे नाम जैसा बनना है l

6. निष्क्रमण संस्कार- जन्म के चौथे महीने में यह संस्कार किया जाता है। हमारा शरीर पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश जिन्हें पंचभूत कहा जाता है, से बना है। इसलिए पिता इन देवताओं से बच्चे के कल्याण की प्रार्थना करते हैं। निष्क्रमण का अर्थ है बाहर निकालना ... बच्चे को पहली बार घर से बाहर खुली और शुद्ध हवा में लाया जाता है

7. अन्नप्राशन संस्कार- गर्भ में रहते हुए बच्चे के पेट में गंदगी चली जाती है, उसके अन्नप्राशन संस्कार बच्चे को शुद्ध भोजन कराने का प्रसंग होता है। बच्चे को सोने-चांदी के चम्मच से खीर चटाई जाती है। यह संस्कार बच्चे के दांत निकलने के समय अर्थात ६-७ महीने की उम्र में किया जाता है। इस संस्कार के बाद बच्चे को अन्न खिलाने की शुरुआत हो जाती है, इससे पहले बच्चा अन्न को पचाने की अवस्था में नहीं रहता l

8. चूडाकर्म या मुंडन संस्कार- बच्चे की उम्र के पहले वर्ष के अंत में या तीसरे, पांचवें या सातवें वर्ष के पूर्ण होने पर बच्चे के बाल उतारे जाते हैं और यज्ञ किया जाता है जिसे वपन क्रिया संस्कार, मुंडन संस्कार या चूड़ाकर्म संस्कार कहा जाता है। इससे बच्चे का सिर मजबूत होता है तथा बुद्धि तेज होती है।


9. कर्णभेद या कर्णवेध संस्कार- कर्णवेध संस्कार इसका अर्थ है- कान छेदना। परंपरा में कान और नाक छेदे जाते थे। यह संस्कार जन्म के छह माह बाद से लेकर पांच वर्ष की आयु के बीच किया जाता था। यह परंपरा आज भी कायम है। इसके दो कारण हैं, एक- आभूषण पहनने के लिए। दूसरा- कान छेदने से एक्यूपंक्चर होता है। इससे मस्तिष्क तक जाने वाली नसों में रक्त का प्रवाह ठीक होता है। वर्तमान समय में वैज्ञानिकों ने भी कर्णभेद संस्कार का पूर्णतया समर्थन किया है और यह प्रमाणित भी किया है की इस संस्कार से कान की बिमारियों से भी बचाव होता है l सभी संस्कारों की भाँती कर्णभेद संस्कार को भी वेद मन्त्रों के अनुसार जाप करते हुए यज्ञ किया जाता है l

10. उपनयन संस्कार - उप यानी पास और नयन यानी ले जाना। गुरु के पास ले जाने का अर्थ है उपनयन संस्कार। उपनयन संस्कार बच्चे के 6 - 8 वर्ष की आयु में किया जाता है, इसमें यज्ञ करके बच्चे को एक पवित्र धागा पहनाया जाता है, इसे यज्ञोपवीत या जनेऊ भी कहते हैं l बालक को जनेऊ पहनाकर गुरु के पास शिक्षा अध्ययन के लिए ले जाया जाता था। आज भी यह परंपरा है। जनेऊ में तीन सूत्र होते हैं। ये तीन देवता- ब्रह्मा, विष्णु, महेश के प्रतीक हैं। फिर हर सूत्र के तीन-तीन सूत्र होते हैं। ये सब भी देवताओं के प्रतीक हैं। आशय यह कि शिक्षा प्रारंभ करने के पहले देवताओं को मनाया जाए। जब देवता साथ होंगे तो अच्छी शिक्षा आएगी ही। अब बच्चा द्विज कहलाता है, द्विज का अर्थ होता है जिसका दूसरा जन्म हुआ हो, अब बच्चे को पढाई करने के लिए गुरुकुल भेजा जाता है l पहला जन्म तो हमारे माता पिता ने दिया लेकिन दूसरा जन्म हमारे आचार्य, ऋषि, गुरुजन देते हैं, उनके ज्ञान को पाकर हम एक नए मनुष्य बनते हैं इसलिए इसे द्विज या दूसरा जन्म लेना कहते हैं l यज्ञोपवीत पहनना गुरुकुल जाने, ज्ञानी होने, संस्कारी होने का प्रतीक है l कुछ लोगों को ग़लतफहमी है की यज्ञोपवीत का धागा केवल ब्राह्मण लोग ही धारण अक्र्ते हैं, वास्तब में आज कल केवल ब्राह्मण ही रह गए हैं जो सनातन परम्पराओं को पूर्णतया निभा रहे हैं, जबकि पुराने समय में सभी लोग गुरुकुल में प्रवेश के समय ये यज्ञोपवीत पवित्र धागा पहनते थे..... यानी की जनेऊ धारण करते थे l

11. वेदाररंभ या विद्यारंभ संस्कार -- जीवन को सकारात्मक बनाने के लिए शिक्षा जरूरी है। शिक्षा का शुरू होना ही विद्यारंभ संस्कार है। गुरु के आश्रम में भेजने के पहले अभिभावक अपने पुत्र को अनुशासन के साथ आश्रम में रहने की सीख देते हुए भेजते थे। ये संस्कार भी उपनयन संस्कार जैसा ही है, इस संस्कार के बाद बच्चों को वेदों की शिक्षा मिलना आरम्भ किया जाता है गुरुकुल में वर्तमान समय में हम जैसा अधिकाँश लोगों ने गुरुकुल में शिक्षा नहीं पायी है इसलिए हमे अपने ही धर्म के बारे में बहुत बड़ी ग़लतफ़हमियाँ हैं, और ना ही वर्तमान समय में हमारे माता-पिता को अपनी संस्कृति के बारे में पूर्ण ज्ञान है की वो हमको हमारे धर्म के बारे में बता सकें, इसलिए हमारे प्रश्न मन में ही रह जाते हैं l अधिकाँश अभिभावक तो बस कभी कभी मन्दिर जाने को ही "धर्म" कह देते हैं. ये हमारा 11वां संस्कार है, अब जब गुरुकुल में बच्चे पढने जा रहे हैं और वो वहां पर वेदों को पढ़ना आरम्भ करेंगे तो बहुत ही आश्चर्य की बात है की हम वेदों को सनातन धर्म के धार्मिक ग्रन्थ मानते हैं और गुरुकुल में बच्चों को यदि धार्मिक ग्रन्थ की शिक्षा दी जाएगी तो वो इंजीनियर, डाक्टर, वैज्ञानिक, अध्यापक, सैनिक आदि कैसे बनेंगे ? वास्तव में हम लोगों को यह नहीं पता की जैसे अंग्रेजी डाक्टर होते हैं वैसे ही हमारे भारत वर्ष में भी वैद्य हैं l जैसे आजकल के डाक्टर रसायनों के अनुसार दवाइयां देते हैं खाने के लिए उसी प्रकार हमारे आचार्य और वैद्य शिरोमणी जड़ी बूटियों की औषधियां बनाते थे, जो की विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है..... आयुर्वेद हमारे वेदों का ही एक अंश है l ऐसे ही वेद के अनेक अंश हैं जैसे ... "शस्त्र-शास्त्र" ...जो भारत की युद्ध कलाओं पर आधारित हैं l गन्धर्व-वेद ... संगीत पर आधारित है l ये सब उपवेद कहलाते हैं l हम सबको थोड़े अपने सामान्य ज्ञान या व्यवहारिक ज्ञान के अनुसार भी सोचना चाहिए की भारत में पुरानी संस्कृति जो भी थीं.... क्या वो बिना किसी समाज, चिकित्सक, इंजिनियर, वैज्ञानिक, अध्यापक, सैनिक आदि के बिना रह सकती थी क्या ...? बिलुल भी नहीं .... वेदों में समाज के प्रत्येक भाग के लिए ज्ञान दिया गया है l केशांत संस्कार- केशांत संस्कार का अर्थ है केश यानी बालों का अंत करना, उन्हें समाप्त करना। विद्या अध्ययन से पूर्व भी केशांत किया जाता है। मान्यता है गर्भ से बाहर आने के बाद बालक के सिर पर माता-पिता के दिए बाल ही रहते हैं। इन्हें काटने से शुद्धि होती है।

 शिक्षा प्राप्ति के पहले शुद्धि जरूरी है, ताकि मस्तिष्क ठीक दिशा में काम करे।

12. समवर्तन संस्कार - समवर्तन का अर्थ है फिर से लौटना। आश्रम में शिक्षा प्राप्ति के बाद ब्रह्मचारी को फिर दीन-दुनिया में लाने के लिए यह संस्कार किया जाता था। इसका आशय है ब्रह्मचारी को मनोवैज्ञानिक रूप से जीवन के संघर्षो के लिए तैयार करना। जब बच्चा (लडका या लड़की ) गुरुकुल में अपनी शिक्षा पूरी कर लेते हैं, अर्थान उनको वेदों के अनुसार विज्ञान, संगीत, तकनीक, युद्धशैली, अनुसन्धान, चिकित्सा और औषधी, अस्त्रों शस्त्रों के निर्माण, अध्यात्म, धर्म, राजनीति, समाज आदि की उचित और सर्वोत्तम शिक्षा मिल जाती है उसके बाद यह संस्कार किया जाता है l समवर्तन संस्कार में ऋषि, आचार्य, गुरुजन आदि शिक्षा पूर्ण होने के पच्चात अपने शिष्यों से गुरु दक्षिणा भी मांगते हैं l वर्तमान समय में इस संस्कार का एक विदूषित रूप देखने को मिलता है जिसे Convocation Ceremony कहा जाता है l

13. विवाह संस्कार- विवास का अर्थ है पुरुष द्वारा स्त्री को विशेष रूप से अपने घर ले जाना। सनातन धर्म में विवाह को समझौता नहीं संस्कार कहा गया है। यह धर्म का साधन है। दोनों साथ रहकर धर्म के पालन के संकल्प के साथ विवाह करते हैं। विवाह के द्वारा सृष्टि के विकास में योगदान दिया जाता है। इसी से व्यक्ति पितृऋण से मुक्त होता है। ये संस्कार बहुत ही महत्वपूर्ण संस्कार है, ये भी यज्ञ करते हुए और वेदों पर आधारित मन्त्रों को पढ़ते हुए किया जाता है, वेद-मन्त्रों में पति और पत्नी के लिए कर्तव्य दिए गए हैं और इन को ध्यान में रखते हुए अग्नि के 7 फेरे लिए जाते हैं l जैसे हमारे माता पिता ने हमको जन्म दिया वैसे ही हमारा कर्तव्य है की हम कुल परम्परा को आगे बाधाएं, अपने बच्चों को सनातन संस्कार दें और धर्म की सेवा करें l विवाह संस्कार बहुत आवश्यक है ... हमारे समस्त ऋषियों की पत्नी हुआ करती थीं, ये महान स्त्रियाँ आध्यात्मिकता में ऋषियों के बराबर थीं l

14. वानप्रस्थ संस्कार - अब 50 वर्ष की आयु में मनुष्य को अपने परिवार की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जंगल में चले जाना चाहिए और वहां पर वेदों की 6 दर्शन यानी की षट-दर्शन में से किसी 1 के द्वारा मुक्ति प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए, ये संस्कार भी यज्ञ करते हुए किया जाता है और संकल्प किया जाता है की अब मैं इश्वर के ज्ञान को प्राप्त करने का प्रयास करेंगे l

15. सन्यास संस्कार- वानप्रस्थ संस्कार में जब मनुष्य ज्ञान प्राप्त कर लेता है उसके बाद वो सन्यास लेता है, वास्तव में सन्यास पूरे समाज के लिए लिया जाता है , प्रत्येक सन्यासी का धर्म है की वो सारे संसार के लोगों को भगवान् के पुत्र पुत्री समझे और अपना बचा हुआ समय सबके कल्याण के लिए दे दे l सन्यासी को कभी 1 स्थान पर नही रहना चाहिए उसे घूम घूम कर साधना करते हुए लोगो के काम आना चाहिए, अब सारा विश्व ही सन्यासी का परिवार है, कोई पराया नही है l सन्यास संस्कार 75 की वर्ष की आयु में होता है पर अगर इस संसार से वैफाग्य हो जाए तो किसी भी आयु में सन्यास लिया जा सकता है l सन्यासी का धर्म है की वो धर्म के ज्ञान को लोगों को बांटे, ये उसकी सेवा है, सन्यास संस्कार करते समय भी यज्ञ किया जाता है वेद मन्त्र पढ़ते हुए और सृष्टि के कल्याण हेतु बाकी जीवन व्यतीत करने की प्रतिज्ञा की जाती है l

16. अंत्येष्टि संस्कार- इसका अर्थ है अंतिम यज्ञ। आज भी शवयात्रा के आगे घर से अग्नि जलाकर ले जाई जाती है। इसी से चिता जलाई जाती है। आशय है विवाह के बाद व्यक्ति ने जो अग्नि घर में जलाई थी उसी से उसके अंतिम यज्ञ की अग्नि जलाई जाती है। मृत्यु के साथ ही व्यक्ति स्वयं इस अंतिम यज्ञ में होम हो जाता है। हमारे यहां अंत्येष्टि को इसलिए संस्कार कहा गया है कि इसके माध्यम से मृत शरीर नष्ट होता है। इससे पर्यावरण की रक्षा होती है। अन्त्येष्टी संस्कार के समय भी वेद मन्त्र पढ़े जाते हैं, पुराने समय में "नरमेध यज्ञ" जिसका वास्तविक अर्थ अन्त्येष्टी संस्कार था.. उसका गलत अर्थ निकाल कर बलि मान लिया गया था l


गुरू एक तेज हे जिनके आते ही सारे सन्शय के अंधकार खतम हो जाते हे

गुरू वो मृदंग हे जिसके बजते ही अनाहत नाद सुनने शुरू हो जाते हे

गुरू वो ज्ञान हे जिसके मिलते ही पांचो शरीर एक हो जाते हे

गुरू वो दीक्षा हे जो सही मायने मे मिलती हे तो पार हो जाते हे

गुरू वो नदी हे जो निरंतर हमारे प्राण से बहती हे

गुरू वो सत चित आनंद हे जो हमे हमारी पहचान देता हे

गुरू वो बासुरी हे जिसके बजते ही अंग अंग थीरक ने लगता हे

गुरू वो चिदकाश हे जिसका कोई नाप नही

गुरू वो अमृत हे जिसे पिके कोई कभी प्यासा नही

गुरू वो मृदन्ग हे जिसे बजाते ही सोहम नाद की ज़लक मिलती हे

गुरू वो कृपा हि हे जो सिर्फ कुछ सद शिष्यो को विशेश रूप मे मिलती हे और कुछ पाकर भी समज नही पाते

गुरू वो खजाना हे जो कभी अनमोल हे

गुरू वो समाधि हे जो चिरकाल तक रहती हे

गुरू वो प्रसाद हे जिसके भाग्य मे हो उसे कभी कुछ मांगने की ज़रूरत नही


टूटी कलम और औरो से जलन,
खुद का भाग्य लिखने नहीं देती ।

काम का आलस और पैसो का लालच,
हमें महान बनने नहीं देता ।

दुनिया में सब चीज मिल जाती है,....
केवल अपनी गलती नहीं मिलती.....

जितनी भीड़, बढ़ रही ज़माने में..।
लोग उतनें ही, अकेले होते जा रहे हैं...।।।

इस दुनिया क लोग भी कितने अजीब है ना ;
सारे खिलौने छोड़ कर जज़बातों से खेलते हैं...

किनारे पर तैरने वाल लाश को देखकर ये समझ आया.
बोझ शरीर का नही साँसों का था....

दोस्तो के साथ जीने का इक मौका दे दे ऐ खुदा...
तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे....

“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है…
तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं..."

स्वर्ग का सपना छोड़ दो, नर्क का डर छोड़ दो, कौन
                       जाने क्या पाप , क्या पुण्य, बस...
किसी का दिल न दुखे अपने स्वार्थ के लिए,
                         बाकी सब कुदरत पर छोड़ दो ।


VERY IMPORTANT: Max Temperatures recorded in some Indian cities:

Lucknow 47 degrees
Delhi 48 degrees
Agra 46 degrees
Nagpur 48 degrees
Kota 48 degrees
Hyderabad 46 degrees
Pune 44 degrees
Ahmedabad 47 degrees

Next year these cities will cross 50 degrees. Even AC or fan will not save you in summer.

Why is it so hot ?????

In last 10 years over 10 crore trees were cut for widening roads and highways. But not a single tree has been planted by govt or public.

How to make India a cool?????

Please do not wait for government to plant trees.

Sowing seeds or planting trees does not cost much.

Just collect seeds of fruits like Mango, Lemon, Jamun, Custard apple, Jack fruit, etc.

Then dig two inch hole on open spaces, roadside, footpaths, highways, gardens and also in your society or bungalow.

Bury these seeds in each hole with soil and then water them every two days in summer.

In rainy season no need to water them.

After 15 to 30 days small plants will be born.

Please nurture them and ensure they grow big.

Let us make this a National movement and plant 10 crore trees all over India.

We should stop temperature from crossing 50 degrees.....

Please plant maximum trees and forward this message to everyone

Tuesday, May 19, 2015

Corporate lesson :Jack and Max are walking to the church for the Sunday prayer..

Jack wonders whether it would be all right to smoke while praying.

Max replies, “Why don’t you ask the Priest?”

So Jack goes up to the Priest and asks, “Father, may I smoke while I pray?”

The Priest replies, “No, my son, you may not! That’s utter disrespect to our religion.”

Jack goes back to his friend and tells him what the good Priest told him.

Max says, “I’m not surprised. You asked the wrong question. Let me try.”

And so Max goes up to the Priest and asks, “Father, may I pray while I smoke?”

To which the Priest eagerly replies, “By all means, my son. By all means. You can always pray whenever you want to.”

Moral of the story: The approval you want depends on the way u ask for it!!

Dedicated to all professionals !!

I loved this - I hope you do too.

An elderly Chinese woman had two large pots, each hung on the ends of a pole which she carried across her neck.

One of the pots had a crack in it while the other pot was perfect and always delivered a full portion of water.

At the end of the long walks from the stream to the house, the cracked pot arrived only half full.

For a full two years this went on daily, with the woman bringing home only one and a half pots of water..

Of course, the perfect pot was proud of its accomplishments.

But the poor cracked pot was ashamed of its own imperfection, and miserable that it could only do ha lf of what it had been made to do.

After two years of what it perceived to be bitter failure, it spoke to the woman one day by the stream.

  'I am ashamed of myself, because this crack in my side causes water to leak out all the way back to your house.

The old woman smiled, 'Did you notice that there are flowers on your side of the path, but not on the other pot's side?'

'That's because I have always known about your flaw, so I planted flower seeds on your side of the path, and every day while we walk back, you water them.'

For two years I have been able to pick these beautiful flowers to decorate the table.

Without you being just the way you are, there would not be this beauty to grace the house.'

 Each of us has our own unique flaw. But it's the cracks and flaws we each have that make our lives together so very interesting and rewarding.

 You've just got to take each person for what they are and look for the good in them.

 SO, to all of my cracked pot friends, have a great day and remember to smell the flowers on your side of the path!

And send this to any or all of your Cracked Pot friends and see what a smile you will put on their faces

Don't forget the Cracked Pot that sent it to you!!
👏👏👏

हरप्रीत सिंह इंग्लैंड में रहता था।

उसके साथ उसकी माँ और बाबूजी भी रहा करते थे।
अचानक उसकी माँ चल बसी
तो उसने माँ का पार्थिव शरीर बक्से में पैक करवा कर अपने गाँव भेजा।

 गाँव में उसके भाई मनप्रीत सिंह ने बक्सा खोला तो देखा कि बक्से में माँ की लाश तो थी, लेकिन एक इंच जगह भी खाली नहीं थी। माँ के हाथ छाती पर थे और अंगुलियों में एक चिट्ठी फँसी थी।

 मनप्रीत ने ऊँची आवाज़ में वह चिट्ठी पढ़नी शुरू की।

"प्यारे भाई मनप्रीत, जसप्रीत, सुखविंदर और परमिंदर,
 माफ़ करना मैं ख़ुद नहीं आ सका क्योंकि मेरी तनख़्वाह काट दी जाती।

मैं माँ को बक्से में इसलिए भेज रहा हूँ, क्योंकि वह चाहती थी कि उसका क्रियाकर्म गाँव में ही हो।

 लाश के नीचे इंपोर्टेड चॉकलेट के कई पैकेट रखे हैं, इसे बच्चों में बाँट देना।

यहाँ अखरोट अच्छे मिलते हैं इसलिए तुम्हें बक्से में अखरोट के भी दो बड़े पैकेट मिलेंगे।

माँ के पैरों में तुम्हें दो जोड़े सैंडल के और एक जोड़ा रीबॉक जूतों का बंधा मिलेगा।
सैंडल संतो मौसी और राजवंत कौर के लिए हैं, और जूते मोहिंदर के लिए हैं। शायद साइज़ ठीक ही होगा।

माँ ने चार जींस पहनी हुई हैं,

एक तुम्हारे लिए, एक जसप्रीत और बाक़ी दोनों सुखविंदर और परमिंदर के लिए है।

माँ के एक हाथ में स्विस घड़ी होगी,

 जिसे प्रीतो भाभी ने मंगाया था।

जीतो ने जो नेकलेस मंगाया था वह माँ के गले में है,

पम्मी ने जो कान की बालियाँ मंगाई थीं वह माँ के कानों में हैं।
 उन्हें ये सारी चीज़ें निकाल कर दे देना।

माँ कै पैरो में छः जोड़ी मोज़े हैं,

उन्हें मेरे भतीजों के बीच बाँट देना।

माँ ने छः टी-शर्ट भी पहन रखे हैं,

 उन्हें मेरे सालों को दे देना।


अगर किसी और चीज़ की ज़रूरतh. हो तो मुझे बता देना,

आजकल बाबूजी की तबीयत भी ज़रा ठीक नहीं रहती"।
😳😳😳😳😳😳😳😳

कन्धों के ये बोझ अगर वक़्त से पहले उतर जायें

 फिर जो ग़मों में जी रहें है वो ख़ुशी से मर जायें

जो जी रहे शराफ़त से उन्हे बुज़दिल न समझो

गर वो सबर न करें फिर तुम जैसे तो मर जायें

सोते को सब जगा सकते है जागते को कौन जगाये

होश में जो मयख़ाने गये है वो बेहोशी में किधर जायें

अलीम मेरी ख़ुशी देखकर तुम फिर उदास हो गये

तुम्हारे लिये ही टूटे थे कभी कहदो तो बिखर जायें

8 Daily Habits That Damage Your Brain


It’s been widely claimed that it takes 30 days to form a habit, but much longer to rid ourselves of one. Sometimes we aren't even aware that some everyday things that we do (or in some cases don’t), can actively affect our brain and cause long term effects. Here are 8 easy things you can do to ensure your keep your brain healthy.  



Don't Skip Breakfast

I love breakfast, but many people are on the go and forgo this meal in order to get to work faster, or sleep in a bit. The problem is that if we spend too much time fasting between meals,  we send our bodies into stress. Our blood sugar levels plummet, leading to insufficient nutrient supply to our brains.

Suggestions: Make it a habit to sit down and eat. Perhaps combine it with listening to the news. If you’re running low on time to prepare breakfast grab a yoghurt or fruit to go.



Keep Stimulated

Anatomically, your brain isn't a muscle. However, there's good reason why many people compare the brain to muscle – in both cases, the "use it or lose it" principle applies. These days we out much this activity to machines and paid services. We use Google to answer our questions instead of thinking for ourselves.

Suggestions: Spend more time reading, thinking, exploring, do brain teasers, and focus on one task at a time to allow for greater reflection periods.



Don't Overeat

In most of the world there is too much food. It is easy to access with online deliveries, convenient food and takeaway, and has also become part of our leisure. We eat when bored, we go out to dinner at restaurants, and we munch on snacks while watching movies.

Research has found that lower calorie intake stalls the ageing process and protects our brains from prematurely degenerating.  

Suggestions:  Download a calorie counting app, or adopt specific eating times or places, to cut down on consuming unnecessary calories.



Stop Smoking

There is a lot of noise about the effects of smoking on your heart and lungs, but new research suggests our brain is at risk too. Smoking disturbs our blood flow and leads to much higher rates of stroke, aneurysms and Alzheimer’s. Scientists have found it also lowers our cognitive abilities, specific ally memory.  

Suggestions: Quit or reduce the amount of cigarettes - the risks mentioned decrease drastically within 2-5 years of quitting.



Get Enough Sleep

Sleep is our best battery charger. When you don’t get enough sleep your frontal lobe can’t work properly. This means your creative thinking will suffer; you’ll be more indecisive and have less control of your emotions. Other cognitive processes are disturbed too:  alertness, concentration and problem solving. Sleep deprivation can also lead to depression, mania and paranoia.

Suggestions:  Make sure to get 7 hours of sleep. Skip that late TV show you . If you’re not able to sleeping well consult with a sleep clinic.



Stay Hydrated

Not drinking enough water also affects our brain. Mild dehydration interferes with our energy levels, mood and ability to think well. Since our brain is mostly water, when we become dehydrated the rest of our body borrows some of the brain’s fluids for other essential processes, causing the cells to wither and shrink. This can also press on our skulls and give us headaches.

Suggestions: The key is to drink before you feel thirsty. Carry a water bottle with you and eat fruits, which are naturally full of water.



Don't Cover Your Head While Sleeping

This is a very simple thing we do. If you cover your head you’ll be exposed to more carbon dioxide. This can lead to increased blood pressure in your head and headaches.  Research also indicates an increase in the onset of dementia or Alzheimer’s, caused by this seemingly minor sleep habit.

Suggestions:  Tuck in your blankets so that they don’t cover your face, get someone else to yank them down or forgo covers in summer.