अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है किराया इसका, दिलों के
दरमियां यूँ मुफ्त में नहीं रहती, साल दर साल मै ही
उम्र न देता इसको, तो ज़माने में मोहब्बत जवां नहीं
रहती…
तेरी आवाज़ की शहनाइयों से प्यार करते हैं….. तस्सवुर
मैं तेरे तन्हाईओं से प्यार करते हैं ….. जो मेरे नाम से तेरे
नाम को जोड़े ज़माने वाले … अब हम उन चर्चों से अब
प्यार करते हैं …
आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती हैं … आपकी याद
बहुत बेकरार करती हैं .. जाते जाते कहीं भी मुलाकात
हो जाये आप से … तलाश आपको ये नज़र बार बार
करती हैं …
उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी हैं … नाम
लब पर हैं मगर जान अभी बाकी हैं …… क्या हुआ अगर
देख कर मूंह फेर लेते हैं वो…. तसल्ली हैं कि अभी तक
शक्ल कि पहचान बाकी हैं …
किसी के दिल मैं बसना बुरा तो नहीं … किसी को
दिल मैं बसाना खता तो खता तो नहीं … है, ये
ज़माने के नज़र मैं बुरा तो क्या हुआ .. ज़माने वाले भी
इंसान हैं कोई खुद तो नही
इश्क दो जिंदगी का अफसाना हैं ! इश्क का अपना
ही एक तराना हैं !! पता हैं सब को मिलेंगे सिर्फ
आंसू ! पर न जाने दुनियाँ में हर कोई क्यूँ इश्क का ही
दीवाना हैं !!
हर शख्स को दिवाना बना देता है इश्क, जन्नत की
सैर करा देता है इश्क, दिल के मरीज हो तो कर लो
महोब्बत, हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क
रात होगी तो चाँद भी दुहाई देगा ! ख्यालो में वो
चेहरा भी दिखाई देगा !! ये महोब्बत है जरा सोच कर
करना !!! जो एक आंशू भी गिरा तो सुनाई देगा !!!!
दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो, नफ़रत
उन से करो जो भूलना जानते हो, ग़ुस्सा उन से करो
जो मानना जनता हो, प्यार उनसे करो जो दिल
लुटाना जनता हो
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