Tuesday, September 22, 2015

औलाद की वफ़ा का पता बुढ़ापे में चलता है

बहन की वफ़ा का पता उसकी जवानी में चलता है

भाई की वफ़ा का पता उसकी शादी के बाद चलता है

शौहर की वफ़ा का पता बीवी की बिमारी में चलता है

बीवी की वफ़ा का पता शौहर की ग़ुरबत में चलता है

दोस्त की वफ़ा का पता दोस्त की परेशानी में चलता है

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