Friday, September 18, 2015

1. जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना
क्योकी बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय
बताती है।
2. किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल
उस 'मक्खी' की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म को
छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है।
3. टूट जाता है गरीबी मे वो रिशता जो खास होता है
हजारो यार बनते है जब पैसा पास होता है.
4. मुस्करा कर देखो तो सारा जहाॅ रंगीन है वर्ना भीगी
पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है
5. जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलती
और जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नही
मिलती
6. बुरे दिनो का एक अच्छा फायदा अच्छे-अच्छे दोस्त
परखे जाते है
7. बीमारी खरगोश की तरह आती है और कछुए की तरह
जाती है जबकि पैसा कछुए की तरह आता है और
खरगोश की तरह जाता है
8. छोटी छोटी बातो मे आंन्द खोजना चाहिए क्योकि
बङी बङी तो जीवन मे कुछ ही होती है।
9. ईशवर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज ना
होना क्योकि ईशवर वह नही देता जो आपको अच्छा
लगता है बल्कि वह देता है जो आपके लिए अच्छा
होता है।
10. लगातार हो रही असफलफताओ से निराश नही होना
चाहिए क्योकीं कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी
ताला खोल देती है।
11. ये सोच है हम इसांनो की कि एक अकेला क्या कर
सकता है पर देख जरा उस सूरज को वो अकेला ही तो
चमकता है
12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो उन्हे तोङना मत क्योकि
पानी चाहे कितना भी गंदा हो अगर प्यास नही बुझा
सकता पर आग तो बुझा सकता है।
13. अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला, मिटटी के
बने लोग कागजो मे बिक जाते है।
14. इंसान की तरह बोलना न आये तो जानवर की तरह
मौन रहना अच्छा है।
15. जब हम बोलना नही जानते थे, तो हमारे बोले बिना
'माॅ' हमारी बातो को समझ जाती थी और आज हम हर
बात पर कहते है ''छोङो भी 'मा' आप नही समझोगी''
16. " शुक्रगुजार हूँ उन तमाम लोगो का जिन्होने बुरे वक्त
मे मेरा साथ छोङ दिया क्योकि उन्हे भरोसा था कि मै
मुसीबतो से अकेले ही निपट सकता हूँ।
17. शर्म की अमीरी से इज्जत की गरीबी अच्छी है
18. जिदंगी मे उतार चङाव का आना बहुत जरुरी है
क्योकि ECG मे सीधी लाईन का मतलब मौत ही
होता है
19. रिशते, आजकल रोटी की तरह हो गए जरा सी आंच
तेज क्या हुई जल भुनकर खाक हो गए।
20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की तलाश मत करो "खुद
अच्छे बन जाओ" आपसे मिलकर शायद किसी की
तालाश पूरी हो जाए।
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