Saturday, September 12, 2015

मन की बात...

आज कल के बच्चे रिफ्रेश होने के लिए जहाँ वाटर पार्क, गेम सेंटर जाने की जिद करते हैं ...

वहीं हम ऐसे बच्चे थे जो मम्मी-पापा के एक झापङ से ही फ्रेश हो जाते थे.!
😂😂😂😂😂😂😂😂

वो भी क्या दिन थे....????
जब बच्चपन में कोई रिश्तेदार जाते समय 10 ₹ दे जाता था..

और माँ 8₹ टीडीएस काटकर 2₹ थमा देती थी....!!!
😁😁😁😁😁😁😁😁


आज कल के माँ बाप सुबह स्कूल बस में बच्चे को बिठा के ऐसे बाय बाय करते हैं जैसे पढ़ने नहीं विदेश यात्रा भेज रहें हो....

और
एक हम थे जो रोज़ लात खा के स्कूल जाते थे...
😤😤😤😤😤😤😤😤

4-4साल के बच्चे गाते फिर रहे हैं
"छोटी ड्रेस में बॉम्ब लगदी मैनु"

साला जब हम चार साल के थे तो 1 ही वर्ड याद था..
वही गाते फिरते थे...
"शक्ति शक्ति शक्तिमान-शक्तिमान"
😇😇😇😇😇😇😇😇

भला हो हनी सिंह और जॉन सीना का..
जिसने आज के बच्चो को फैशन के नाम पे बाल बारीक़ छोटे रखना सीखा दिया..

हमारी तो सबसे ज्यादा कुटाई ही बालो को लेके हुई थी।।
हम दिलजले के अजय देवगन बनके घूमते थे,
और जिस दिन पापा के हाथ लग जाते उस दिन नाईं की दुकान से ओमकारा का लंगड़ा त्यागी बनाके ही घर लाते थे
😅😅😅😅😅😅😅😅😅

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