कीसीकी तलाश मे मत नीकलो..
लोग खो नही - बदल जाते हे
छोटे थे तब सब नाम से बुलाते थे ,
बड़े हो गये तो बस काम से बुलाते हे..!!
सेठ के पास सोने की चैन थी...
मजदूर के पास चैन की नींद..
भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और
दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है..
मतलबी दुनिया मे सम्भल के चलना....!!
यहाँ तो लोग हाथों से दफ़ना कर भूल जाते
हैं कि कब्र कौन सी थी....!!
लोग खो नही - बदल जाते हे
छोटे थे तब सब नाम से बुलाते थे ,
बड़े हो गये तो बस काम से बुलाते हे..!!
सेठ के पास सोने की चैन थी...
मजदूर के पास चैन की नींद..
भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और
दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है..
मतलबी दुनिया मे सम्भल के चलना....!!
यहाँ तो लोग हाथों से दफ़ना कर भूल जाते
हैं कि कब्र कौन सी थी....!!
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