ख़्वाहिशों से नहीं गिरते हैं फूल झोली में,
अपने कर्मों की शाख को हिलाना होगा।
उजाला नहीं होगा कभी अन्धेरे को कोसने से,
अपने हिस्से का दिया ख़ुद ही जलाना होगा ।
मंजिल यू ही नहीं मिलती राही को...
जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है...
पूछा चिड़िया को की घोंसला कैसे बनता है...
वो बोली तिनका तिनका उठाना पड़ता है..
💐💐
अपने कर्मों की शाख को हिलाना होगा।
उजाला नहीं होगा कभी अन्धेरे को कोसने से,
अपने हिस्से का दिया ख़ुद ही जलाना होगा ।
मंजिल यू ही नहीं मिलती राही को...
जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है...
पूछा चिड़िया को की घोंसला कैसे बनता है...
वो बोली तिनका तिनका उठाना पड़ता है..
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