एक पल मे एक सदी का मज़ा हम से पूछीए...
दो दिन की ज़िंदगी का मज़ा हम से पूछीए...
भूलें हैं हम उनहें रफता रफता...
किशतों में खुदकुशी का मज़ा हम से पूछीऐ...
आगाज़-ए-आशिकी का नशा आप जानीऐ...
अंजाम-ए-आशिकी का मज़ा हम से पूछीऐ.....
दो दिन की ज़िंदगी का मज़ा हम से पूछीए...
भूलें हैं हम उनहें रफता रफता...
किशतों में खुदकुशी का मज़ा हम से पूछीऐ...
आगाज़-ए-आशिकी का नशा आप जानीऐ...
अंजाम-ए-आशिकी का मज़ा हम से पूछीऐ.....
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