Tuesday, April 13, 2021



आत्महत्या




जिंदगी का हाथ छोड़कर तुमने

मौत को गले लगा लिया

ऐसा भी क्या था?

जो तुमने खुद की सांसो से दामन छुड़ा लिया

मुश्किलें आती हैं और परख कर चली जाती है

काश तुम समझ पाते सांसे जो रुक जाती हैं

वो वापस नहीं आती है।

तुम्हें ऐसा लगता है

तुमने खुद की की जान ली है,

अपनी सांसे तो मान ली तुमने

पर जाते-जाते कितनों की जिंदगी

वीरान की है तुमने।

वो बूढ़ा पिता जो तुमने अपने कल को देखा करता था

वो आज अपने जिंदगी हर पल को कोसा करता है।

वो मां जो अपने आंचल से तेरा मुखड़ा पोछा करती थी!

आज वो निशब्द चौखट को देखा करती है।

सांसे तो तेरी ही रुकी लेकिन

अब तेरी मां भी कहां जिंदा जिया करती है।

वो घटना जो उसके घर के चिराग को ले गई

रो-रो कर मां उसे

आत्महत्या कहां करती है !

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