Wednesday, April 1, 2015

जाने क्यूँ लोग हमें आज़माते है,
कुछ पल साथ रह कर भी दूर चले जाते है,
सच्च ही कहा है कहने वाले ने,
सागर के मिलने के बाद लोग बारिश को भूल जाते है



 तेरे प्यार का सिला हर हाल मे देंगे,
खुदा भी माँगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे.




अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,दीवानगी इस से बढकर और क्या होगी,आज भी इंतजार है तेरे आने का




तेरे चहरे की मासूमियत अब तक भुला नहीं हूँ , बंद हूँ तब से तेरी कैद में , अब तक खुला नहीं हूँ .... शराफत , शरारत , नजाकत तेरी हर अदा से मुझे प्यार है ... किसी और का नहीं मुझे सिर्फ तेरा ही इंतेज़ार है ..




 बिन देखे तेरी तस्वीर बना सकता हूँ।
बिन मिले तेरा हाल बता सकता हूँ॥
है मेरे ‪प्यार‬ मे इतना दम
तेरी आँखो के आँसू अपनी आँख से गिरा सकता हूँ॥




तेरी याद में जियेंगे मरेंगे !
तुझे अपनी पलकों में छुपा लेंगे !!
उस चाँद से हमें क्या लेना....!
हम तो इस धरती के चाँद को सिने से लगा लेंगे !!🌹🌹🌹🌹



❤❤❤❤


सादगी से सुन्दर सूरत हैं तेरी !
दिल में जो समाई वो मूरत हैं तेरी !!
डूब के जिसमे खो जाता हूँ अक्सर...!
ये आँखे भी बहुत खुबशुरत हैं तेरी !!🌹🌹🌹🌹




हुस्न अपने देखते हैं आईने में वो;और ये भी देखते हैं, कोई देखता न हो;कल चौदहवीं की रात थी, रात भर रहा चर्चा तेरा;कुछ ने कहा ये चाँद है, कुछ ने कहा चेहरा तेरा!

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