Sunday, April 5, 2015

: लफ्ज़ वही हैं, माईने बदल गये हैं
किरदार वही, अफ़साने बदल गये हैं
उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते
ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं.

जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है
कभी हंसती है तो कभी रुलाती है
पर जो हर हाल में खुश रहते हैं
जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है.






जब उसने मुझसे कहा तुम्हारे दोस्त अच्छे नहीं।।।
तब हम थोडा मुस्कुराये ओर कहा के
पगली तेरी इतनी तो"औकात" नहीं की तु मेरे
दोस्तों की"औकात" बता सके।।।
♡♡दिल तुझे दीया हैं लेकिन '"जान '"आज
भी '"○दोस्तो○'"" के लिए ही है।।।।।
Love u frnds


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