Sunday, April 12, 2015

Nice lines :

"सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
और
जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!

तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!

गाँव में छोड़ आये जो हज़ार गज़ की बुजुर्गों कि हवेली
वो शहर में सौ गज़ में रहने को खुद की तरक्की कहते हैं!"


गम के पास तलवार, मैं उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ..!
ऐ जिंदगी ! तेरी हर चाल के लिए मैं एक चाल लिए बैठा हूँ..!!
लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख - मिचोली का..!
मिलेगी कामयाबी हौसला कमाल लिए बैठा हूँ..!!
चल मान लिया दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक..!
गिरेबान में अपने सुनहरे साल लिए बैठा हूँ..!!
ये गहराइयाँ, ये लहरें, ये तूफाँ, तुम्हे मुबारक..!
मुझे क्या फिक्र मैं कश्ती बेमिसाल लिए बैठा हूँ...!! 🌹


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