खुशियां कम और अरमान बहुत हैं,
जिसे भी देखिए यहां हैरान बहुत हैं,,
करीब से देखा तो है रेत का घर,
दूर से मगर उनकी शान बहुत हैं,,
कहते हैं सच का कोई सानी नहीं,
आज तो झूठ की आन-बान बहुत हैं,,
मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं..!!
😊😊🙏🙏
एक रस्सी है
जिसका एक सिरा ख्वाहिशों ने पकड़ रखा है
और दूसरा औकात ने
इसी खींचातानी का नाम जिंदगी है।..
😊😊🙏🙏
जिसे भी देखिए यहां हैरान बहुत हैं,,
करीब से देखा तो है रेत का घर,
दूर से मगर उनकी शान बहुत हैं,,
कहते हैं सच का कोई सानी नहीं,
आज तो झूठ की आन-बान बहुत हैं,,
मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं..!!
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एक रस्सी है
जिसका एक सिरा ख्वाहिशों ने पकड़ रखा है
और दूसरा औकात ने
इसी खींचातानी का नाम जिंदगी है।..
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