Friday, May 8, 2015

में तो बदनाम हुयी करके मोहब्बत
तुम तो समझदार हो दूर रहो इससे

बहुत जुदा है औरोँ से मेरे दर्द की कहानीँ
जख्म का कोई निशाँ नहीँ और दर्द की कोई इँतहा नहीँ।

अगर वो पूँछ लें हम से , तुम्हें किस बात का गम है !
तो फिर किस बात का गम है ,अगर वो पूँछ लें हम से ......!!

हम पर जो गुजरी है क्या तुम सुन पाओगे
नाजुक सा दिल रखते हो रोने लग जाओगे,
बहुत दुख दिए हैँ तकदीर और दोस्तो ने
बैठो मेरे पास मोहब्बत भूल जाओगे ।

क्या बताऊ कैसे खुद को दरबदर मैंने किया
उम्र भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया
तू तो नफरत भी न कर पायेगा इस शिद्दत के साथ
जिस बला का प्यार बेखबर तुझसे मैंने किया

जब किसी दिन "वो" मेरे दिल को रिहाई देगा,
मेरे अन्दर कोई तूफान सुनाई देगा,

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