एक पति की कलम से....
"मेरी पत्नी शिक्षक नही,
पर बच्चों की सबसे बड़ी गुरु वही है ।
वो चिकित्सक भी नही,
पर हमारे हर मर्ज का इलाज है उसके पास।
वो एम.बी.ए. भी नही,
पर घर/बाहर का मेनेजमेन्ट जानती है बखूबी ।
वो गणित मे कमजोर थी,
फिर भी दुखों का घटाव और खुशियों का जोड़ गुणा जाने कैसे करती थी..?
उसके पास कोई डिग्री नही,
पर लगता है उससे बड़ा कोई संस्थान नही।
ऎसा संस्थान जहाँ बच्चों का हर "डाटा ""फीड " है,
मुझ तक हर सूचना वहीं से आती है।
मैं अपने पिता ब्रम्ह होने का गर्व करूं,
तब तक मानो वह सृष्टि ही रच आती है।
"मेरी पत्नी शिक्षक नही,
पर बच्चों की सबसे बड़ी गुरु वही है ।
वो चिकित्सक भी नही,
पर हमारे हर मर्ज का इलाज है उसके पास।
वो एम.बी.ए. भी नही,
पर घर/बाहर का मेनेजमेन्ट जानती है बखूबी ।
वो गणित मे कमजोर थी,
फिर भी दुखों का घटाव और खुशियों का जोड़ गुणा जाने कैसे करती थी..?
उसके पास कोई डिग्री नही,
पर लगता है उससे बड़ा कोई संस्थान नही।
ऎसा संस्थान जहाँ बच्चों का हर "डाटा ""फीड " है,
मुझ तक हर सूचना वहीं से आती है।
मैं अपने पिता ब्रम्ह होने का गर्व करूं,
तब तक मानो वह सृष्टि ही रच आती है।
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