एक बार जरूर पढे
एक गरीब परिवार में एक सुन्दर सी
बेटी ने जन्म लिया..
बाप दुखी हो गया बेटा पैदा होता
तो कम से कम काम
में तो हाथ बटाता,,
उसने बेटी को पाला जरूर,
मगर दिल से नही....
.
वो पढने जाती थी तो ना ही स्कूल
की फीस टाइम से जमा करता,
और ना ही कापी किताबों पर ध्यान
देता था...
अक्सर दारू पी कर घर में कोहराम
मचाता था........
.
उस लडकी की माँ बहुत अच्छी व
बहुत भोली भाली थी
वो अपनी बेटी को बडे लाड प्यार से
रखती थी..
वो पति से छुपा-छुपा कर बेटी की
फीस जमा करती
और कापी किताबों का खर्चा देती थी..
अपना पेट काटकर फटे पुराने कपडे
पहन कर गुजारा कर लेती थी,
मगर बेटी का पूरा खयाल रखती थी...
पति अक्सर घर से कई कई दिनों के
लिये गायब हो जाता था.
जितना कमाता था दारू मे ही फूक
देता था...
.
वक्त का पहिया घूमता गया
बेटी धीरे-धीरे समझदार हो गयी..
दसवीं क्लास में उसका एडमीसन
होना था.
माँ के पास इतने पैसै ना थे जो बेटी
का स्कूल में दाखिला करा पाती..
.
बेटी डरडराते हुये पापा से बोली:
पापा मैं पढना चाहती हूं मेरा
हाईस्कूल में एडमीसन करा दीजिए
मम्मी के पास पैसै नही है...
बेटी की बात सुनते ही बाप आग
वबूला हो गया और
चिल्लाने लगा बोला: तू कितनी भी
पड लिख जाये तुझे तो चौका चूल्हा
ही सम्भालना है क्या करेगी तू
ज्यादा पड लिख कर..
उस दिन उसने घर में आतंक मचाया
व सबको मारा पीटा
.
बाप का व्यहार देखकर बेटी ने मन
ही मन में सोच लिया कि अब वो
आगे की पढाई नही करेगी....
एक दिन उसकी माँ बाजार गयी
बेटी ने पूछा: माँ कहॉ गयी थी
माँ ने उसकी बात को अनसुना
करते हुये कहा :
बेटी कल मै तेरा स्कूल में दाखिला कराउगी
.
बेटी ने कहा: नही माँ मै अब नही
पडूगी मेरी वजह से तुम्हे कितनी
परेशानी उठानी पडती है पापा भी
तुमको मारते पीटते हैं कहते कहते
रोने लगी..
माँ ने उसे सीने से लगाते हुये कहा:
बेटी मै बाजार से कुछ रुपये लेकर
आयी हूं मै कराउगी तेरा दखिला..
बेटी ने माँ की ओर देखते हुये पूछा:
माँ तुम इतने पैसै कहॉ से लायी हो??
मॉ ने उसकी बात को फिर अनसुना
कर दिया..
.
वक्त वीतता गया
माँ ने जी तोड मेहनत करके बेटी
को पढाया लिखाया
बेटी ने भी माँ की मेहनत को देखते
हुये मन लगा कर
दिन रात पढाई की
और आगे बडती चली गयी......
.
इधर बाप दारू पी पी कर बीमार
पड गया
डाक्टर के पास ले गये
डाक्टर ने कहा इनको टी.बी. है
एक दिन तबियत ज्यादा गम्भीर
होने पर बेहोशी की हालत में
अस्पताल में भर्ती कराया..
.
कुछ दिनो बाद उसे जब होश आया
तो डाक्टरनी का चेहरा देखकर
उसके होश उड गये
वो डाक्टरनी कोई और नही वल्कि
उसकी अपनी बेटी थी..
शर्म से पानी पानी बाप
कपडे से अपना चेहरा छुपाने लगा
और रोने लगा हाथ जोडकर बोला:
बेटी मुझे माफ करना मैं तुझे समझ
ना सका...
बाप को रोते देखकर बेटी ने बाप
को गले लगा लिया.
.
दोस्तों गरीबी और अमीरी से कोई
फर्क नहीं पडता,,
अगर इन्सान का इरादा हो तो
आसमान में भी छेद हो
सकता है
.
एक दिन बेटी माँ से बोली:
माँ तुमने मुझे आजतक नहीं बताया
कि मेरे हाईस्कूल के एडमीसन के
लिये पैसै कहाँ से लायी थी??
बेटी के बार बार पूछने पर
माँ ने जो बात बतायी
उसे सुनकर
बेटी की रूह काँप गयी....
माँ ने अपने शरीर का खून बेच कर
बेटी का एडमीसन
कराया था....
.
दोस्तों तभी तो माँ को भगवान का
दर्जा दिया गया है
माँ जितना औलाद के लिये त्याग
कर सकती है
उतना दुनियाँ में कोई और नही..
.
दो पंक्तियाँ माँ के लिये::::
गोदी में मुझको सुलाया है माँ ने,,
बडे प्यार से अपनी मीठी जुवॉ से,
बेटा कह कर बुलाया है माँ ने,,
मुझको लेके अपनी नरम बाजुओं मे,
मोहब्बत का झूला झुलाया है माँ ने,,
सभी जख्म अपने सीने पे लेके,
हर चोट से बचाया है माँ ने,,
कभी मेरे माथे पे काला टीका लगा के,
यूं बचपन में मुझको सजाया है माँ ने,,
यूं चेहरा दिखा के मुझे रोज अपना,
मुझे मेरे रब से मिलाया
एक गरीब परिवार में एक सुन्दर सी
बेटी ने जन्म लिया..
बाप दुखी हो गया बेटा पैदा होता
तो कम से कम काम
में तो हाथ बटाता,,
उसने बेटी को पाला जरूर,
मगर दिल से नही....
.
वो पढने जाती थी तो ना ही स्कूल
की फीस टाइम से जमा करता,
और ना ही कापी किताबों पर ध्यान
देता था...
अक्सर दारू पी कर घर में कोहराम
मचाता था........
.
उस लडकी की माँ बहुत अच्छी व
बहुत भोली भाली थी
वो अपनी बेटी को बडे लाड प्यार से
रखती थी..
वो पति से छुपा-छुपा कर बेटी की
फीस जमा करती
और कापी किताबों का खर्चा देती थी..
अपना पेट काटकर फटे पुराने कपडे
पहन कर गुजारा कर लेती थी,
मगर बेटी का पूरा खयाल रखती थी...
पति अक्सर घर से कई कई दिनों के
लिये गायब हो जाता था.
जितना कमाता था दारू मे ही फूक
देता था...
.
वक्त का पहिया घूमता गया
बेटी धीरे-धीरे समझदार हो गयी..
दसवीं क्लास में उसका एडमीसन
होना था.
माँ के पास इतने पैसै ना थे जो बेटी
का स्कूल में दाखिला करा पाती..
.
बेटी डरडराते हुये पापा से बोली:
पापा मैं पढना चाहती हूं मेरा
हाईस्कूल में एडमीसन करा दीजिए
मम्मी के पास पैसै नही है...
बेटी की बात सुनते ही बाप आग
वबूला हो गया और
चिल्लाने लगा बोला: तू कितनी भी
पड लिख जाये तुझे तो चौका चूल्हा
ही सम्भालना है क्या करेगी तू
ज्यादा पड लिख कर..
उस दिन उसने घर में आतंक मचाया
व सबको मारा पीटा
.
बाप का व्यहार देखकर बेटी ने मन
ही मन में सोच लिया कि अब वो
आगे की पढाई नही करेगी....
एक दिन उसकी माँ बाजार गयी
बेटी ने पूछा: माँ कहॉ गयी थी
माँ ने उसकी बात को अनसुना
करते हुये कहा :
बेटी कल मै तेरा स्कूल में दाखिला कराउगी
.
बेटी ने कहा: नही माँ मै अब नही
पडूगी मेरी वजह से तुम्हे कितनी
परेशानी उठानी पडती है पापा भी
तुमको मारते पीटते हैं कहते कहते
रोने लगी..
माँ ने उसे सीने से लगाते हुये कहा:
बेटी मै बाजार से कुछ रुपये लेकर
आयी हूं मै कराउगी तेरा दखिला..
बेटी ने माँ की ओर देखते हुये पूछा:
माँ तुम इतने पैसै कहॉ से लायी हो??
मॉ ने उसकी बात को फिर अनसुना
कर दिया..
.
वक्त वीतता गया
माँ ने जी तोड मेहनत करके बेटी
को पढाया लिखाया
बेटी ने भी माँ की मेहनत को देखते
हुये मन लगा कर
दिन रात पढाई की
और आगे बडती चली गयी......
.
इधर बाप दारू पी पी कर बीमार
पड गया
डाक्टर के पास ले गये
डाक्टर ने कहा इनको टी.बी. है
एक दिन तबियत ज्यादा गम्भीर
होने पर बेहोशी की हालत में
अस्पताल में भर्ती कराया..
.
कुछ दिनो बाद उसे जब होश आया
तो डाक्टरनी का चेहरा देखकर
उसके होश उड गये
वो डाक्टरनी कोई और नही वल्कि
उसकी अपनी बेटी थी..
शर्म से पानी पानी बाप
कपडे से अपना चेहरा छुपाने लगा
और रोने लगा हाथ जोडकर बोला:
बेटी मुझे माफ करना मैं तुझे समझ
ना सका...
बाप को रोते देखकर बेटी ने बाप
को गले लगा लिया.
.
दोस्तों गरीबी और अमीरी से कोई
फर्क नहीं पडता,,
अगर इन्सान का इरादा हो तो
आसमान में भी छेद हो
सकता है
.
एक दिन बेटी माँ से बोली:
माँ तुमने मुझे आजतक नहीं बताया
कि मेरे हाईस्कूल के एडमीसन के
लिये पैसै कहाँ से लायी थी??
बेटी के बार बार पूछने पर
माँ ने जो बात बतायी
उसे सुनकर
बेटी की रूह काँप गयी....
माँ ने अपने शरीर का खून बेच कर
बेटी का एडमीसन
कराया था....
.
दोस्तों तभी तो माँ को भगवान का
दर्जा दिया गया है
माँ जितना औलाद के लिये त्याग
कर सकती है
उतना दुनियाँ में कोई और नही..
.
दो पंक्तियाँ माँ के लिये::::
गोदी में मुझको सुलाया है माँ ने,,
बडे प्यार से अपनी मीठी जुवॉ से,
बेटा कह कर बुलाया है माँ ने,,
मुझको लेके अपनी नरम बाजुओं मे,
मोहब्बत का झूला झुलाया है माँ ने,,
सभी जख्म अपने सीने पे लेके,
हर चोट से बचाया है माँ ने,,
कभी मेरे माथे पे काला टीका लगा के,
यूं बचपन में मुझको सजाया है माँ ने,,
यूं चेहरा दिखा के मुझे रोज अपना,
मुझे मेरे रब से मिलाया
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