Wednesday, August 12, 2015

जब भी तेरे बिना रात होती हैं
दीवारों से अक्सर बात होती हैं,

सन्नटा पूछता हैं हमारा हाल हम से
और बस तेरे नाम से ही शुरुआत होती हैं ….


 हमें भूलने की इजाजत नहीं है
   तुम्हे याद करने की आदत नहीं है
 यह आदत तुम्हारी तुम्हे हो मुबारक
   हमे तुमसे कोई शिकायत नहीं है


 कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना, दोस्तों.....

मौसम बारिश का भी है, और मोहब्बत का भी...!!


आगे सफर था और पीछे हमसफर था....
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हम सफर छूट जाता...

मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता...उस वक्त मैं कहाँ जाता...

मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हम सफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....

यूँ समँझ लो....

प्यास लगी थी गजब की...मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!

वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!


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