Friday, August 14, 2015

सुप्रभात मित्रगण…!
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.. . भज मेरे मन तू आठों याम ;
राम राम राम राम राम राम राम !
एक बार एक साधू फटी हुई सी धोती पहनकर
श्री राधा-रमण मंदिर आया और कहने लगा
-हे प्रभु आप बड़े दयालु है करुणामयी है
जो आपने मुझे इतना कुछ दिया आपका बड़ा
उपकार है मुझपर … मैं धन्य हो गया प्रभु … धन्य
हो गया _/\_
एक नास्तिक वहा बैठा हुआ यह सब देख रहा
था ;
कहने लगा -अरे पागल तेरे पास तो सिर्फ एक
फटी पुरानी धोती है जिसमे भी
कई छेद हैं और तू कह रहा है कि तुमने मुझे इतना
कुछ दिया है आपका उपकार है ?
साधू ने मुस्करा कर बहुत ही सुंदर उत्तर दिया
;
कहा -पागल मैं
नहीं तू है अरे मैं जब पैदा हुआ था तो यह
धोती भी नहीं थी !
परमात्मा के प्रति उस साधू की कृतज्ञता
देखकर वह नास्तिक अवाक रह गया !
भज मेरे मन तू आठों याम ;
राम राम राम राम राम राम राम !
श्रीराम जय राम जय जय राम …!!!
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जय सियाराम…!!!
अधर्मी कटवों _ का नाश हो… प्राणियों
में सद्भाव हो…!!
विश्व का कल्याण हो… सत्य सनातन की
जय हो …!!!
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. आप सभी आदरणीय स्वजनों का दिन
मंगलमय हो …!!!
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हर हर गंगे....!!!
वन्दे गौमातरम..!!
¤हरि: ॐ¤
जय महाकाल.!!!

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