Wednesday, October 29, 2014

 "बोतल पे बोतल पीने से क्या फायदा, मेरे दोस्त, रात गुजरेगी तो उतर जाएगी, पीना है तो सिर्फ एक बार किसी की बेवफाई पियो, प्यार की कसम, उम्र सारी नशें में गुजर जाएगी"


जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे, तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे"


‬: "ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब, राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं"

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