Thursday, October 30, 2014


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पानी से तस्वीर कहा बनती है,
ख्वाबों से तकदीर कहा बनती है,
किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ,
ये जिंदगी फिर वापस कहा मिलती है
कौन किस से चाहकर दूर होता है,
हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है,
हम तो बस इतना जानते है,
हर रिश्ता "मोती"और हर दोस्त "कोहिनूर" होता है।
कभी मिल सको तो बेवजाह मिलना...
वजह से मिलने वाले तो ना जाने हर रोज़ कितने मिलते है..

"कदर और इज़्ज़त करनी है, तो जीते जी करो,
क्योंकि अरथी उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है ।""

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