Friday, October 31, 2014

Dedicated to all my busy friends.....

     ज़िन्दगी के इस कश्मकश मैं
     वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ ,
     लेकिन वक़्त का बहाना बना कर ,
अपनों को भूल जाना मुझे आज भी नहीं आता !

जहाँ यार याद न आए वो तन्हाई किस काम की, बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की, बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है ,

           पर जहाँ से अपना दोस्त ना दिखे
               वो ऊंचाई किस काम की!!!
जन्म लिया है तो सिर्फ साँसे मत लीजिये,
जीने का शौक भी रखिये..

शमशान ऐसे लोगो की राख से...
भरा पड़ा है
जो समझते थे,,,
दुनिया उनके बिना चल नहीं सकती.

हाथ में टच फ़ोन,
बस स्टेटस के लिये अच्छा है…
सबके टच में रहो,
जींदगी के लिये ज्यादा अच्छा है…

ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी,
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से,
ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" आख़री होगी.

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