Thursday, September 11, 2014

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 सांपों के मुकद्दर में
.......वो ज़हर कहां..!!!

जो 👺इंसान आजकल सिर्फ
......बातों में ही उगल रहा है !!

साँप तो कोने में बैठा हँस रहा है !!
.......क्योकि

😈 इन्सान ही आजकल  इन्सान को डंस रहा है..!!!



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