Sunday, September 21, 2014

मस्जिद तो हुई हासिल हमको,
खाली ईमान गंवा बैठे ।

मंदिर को बचाया लड भिडकर ,
खाली भगवान गंवा बैठे ।

धरती को हमने नाप लिया,
हम चांद सितारों तक पहुंचे ।

कुल कायनात को जीत लिया,
खाली इन्सान गंवा बैठे ।

मजहब के ठेकेदारों ने..
आज फिर हमे युं भडकाया ।

कि काजी और पंडित जिन्दा थे,
हम अपनी जान गंवा बैठे ।

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