Wednesday, September 17, 2014

"बेवफा बनकर कैसे जी लेते हैं लोग,
हंस कर इस राज को जानने में ही हस्ती फन्ना हो गया,
मैं कब तक भरम में रखूं खुद को,
दुनिया कहने लगी की तू तो बेवफा हो गया"


"जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह न सके,
जिसको चाहा उसे हम पा न सके,
यह समजलो दिल टूटने का खेल है,
किसी का तोडा और अपना बचा न सके!"


"बेदर्द दुनिया में अभी जीना सीख रहा हूँ,
अभी तो मैं दुखों के जाम पीना सीख रहा हूँ,
कोशिश करूंगा तुम्हे मैं भी भुलाने की,
अभी तो मैं तेरे झूठे वादों को भुलाना सीख रहा हूँ."


 "कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको,
बिन मतलब जो आए तो क्या बात है,
कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा,
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है."


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