यह जिस्म तो किराये का घर है…
एक दिन खाली करना पड़ेगा…||
सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ …
रूह को तन से अलविदा कहना पड़ेगा…।।
वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी
समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा…||
मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी…
सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा…||
ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू…
एक दिन सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा…||
एक दिन खाली करना पड़ेगा…||
सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ …
रूह को तन से अलविदा कहना पड़ेगा…।।
वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी
समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा…||
मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी…
सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा…||
ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू…
एक दिन सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा…||
No comments:
Post a Comment