Sunday, September 21, 2014

: इश्क़ ऐसा करो कि धड़कन मे बस जाए,सांस भी लो तो खुश्बू उसी की आए, प्यार का नशा आँखो पे ऐसा छाए, बात कोई भी हो,पर नाम उसी का आए


 इश्क के सहारे जिया नहीं करतेगम के प्यालों को पिया नहीं करतेकुछ नवाब दोस्त हैं हमारेजिनको परेशान न करो तो वो याद ही किया नहीं करते



 बिकता है गम इश्क के बाज़ार में लाखों दर्द छुपे होते हैं एक छोटे से इंकार में हो जाओ अगर ज़माने से दुखी तो स्वागत है हमारी दोस्ती के दरबार में


दोस्त को भूलना ग़लत बात है. उन्ही का तो जिंदगी भर साथ है. अगर भूल गये तो सिर्फ़ खाली हाथ है, अगर साथ रहे तो ज़माना कहेगा -""क्या बात है"


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