बरसो के बाद होती है मुलाकात
फिर भी रहती है दिल मे दिल की बात
नज़रो से करना पड़ता है प्यार
पर नज़र मिलने के लिए भी
करना पड़ता है इंतेज़ार
अपनो को दूर होते देखा ,
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हे फ़िज़ूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते दे
में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना !
में उसके गम में शरीक हूँ
पर मेरा गम न उसे बता देना,
जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
शक में न बहा देना !
कभी आंसू कभी खुशी बेची
हम ग़रीबों ने बेक़सी बेची
चंद सांसें खरीदने के लिये
रोज़ थोड़ी सी ज़िन्दगी बेची
फिर भी रहती है दिल मे दिल की बात
नज़रो से करना पड़ता है प्यार
पर नज़र मिलने के लिए भी
करना पड़ता है इंतेज़ार
अपनो को दूर होते देखा ,
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हे फ़िज़ूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते दे
में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना !
में उसके गम में शरीक हूँ
पर मेरा गम न उसे बता देना,
जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
शक में न बहा देना !
कभी आंसू कभी खुशी बेची
हम ग़रीबों ने बेक़सी बेची
चंद सांसें खरीदने के लिये
रोज़ थोड़ी सी ज़िन्दगी बेची
No comments:
Post a Comment