Monday, September 1, 2014

एक बंगाली बाबू ने गुलजार साहब के पाँव पकड़ लिए और गुजारिश करने लगा
 " दादा होम भी शायरी सिखेगा"
 .
 काफी मान मनौवत के बाद गुलजार साहब मान गए और बोले - जैसा मै बोलूँ तुम वैसा ही बोलना।
 .
 बंगाली बाबू:- ठीक है।
 .
 गुलजार साहब :-
 "ना गिला करुँगा,
 ना शिकवा करुँगा.....
 तू सलामत रहे इस दुनिया में,
 रब से यही दुआ करुँगा।"
 .
 बंगाली बाबू ने दोहराया:-
 "ना गीला कोरेगा,
 ना सूखा कोरेगा .....
 तुम साला, मत रहो इस दुनिया में,
 रोब से येही दुआ कोरेगा।"
गुलज़ार साहब बेहोश😀..

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