एक बंगाली बाबू ने गुलजार साहब के पाँव पकड़ लिए और गुजारिश करने लगा
" दादा होम भी शायरी सिखेगा"
.
काफी मान मनौवत के बाद गुलजार साहब मान गए और बोले - जैसा मै बोलूँ तुम वैसा ही बोलना।
.
बंगाली बाबू:- ठीक है।
.
गुलजार साहब :-
"ना गिला करुँगा,
ना शिकवा करुँगा.....
तू सलामत रहे इस दुनिया में,
रब से यही दुआ करुँगा।"
.
बंगाली बाबू ने दोहराया:-
"ना गीला कोरेगा,
ना सूखा कोरेगा .....
तुम साला, मत रहो इस दुनिया में,
रोब से येही दुआ कोरेगा।"
गुलज़ार साहब बेहोश😀..
" दादा होम भी शायरी सिखेगा"
.
काफी मान मनौवत के बाद गुलजार साहब मान गए और बोले - जैसा मै बोलूँ तुम वैसा ही बोलना।
.
बंगाली बाबू:- ठीक है।
.
गुलजार साहब :-
"ना गिला करुँगा,
ना शिकवा करुँगा.....
तू सलामत रहे इस दुनिया में,
रब से यही दुआ करुँगा।"
.
बंगाली बाबू ने दोहराया:-
"ना गीला कोरेगा,
ना सूखा कोरेगा .....
तुम साला, मत रहो इस दुनिया में,
रोब से येही दुआ कोरेगा।"
गुलज़ार साहब बेहोश😀..
No comments:
Post a Comment