Thursday, October 9, 2014

दोस्ती वो नहीं जो जान देती है,
दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है,
अरे सच्ची दोस्ती तो वो है..
जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है


: दिल किसी से तभी लगाना जब
दिलों को पढ़ना सीख लो,
क्योंकी हर एक चेहरे की फितरत में
वफ़ादारी नहीं होती...
लोग कहते हैं कि तुम्हारी आस्तीन मे सांप हैं
यारों मैं क्या करूं मेरा वजूद ही चन्दन का है !


वो दिन दिन नही..वो रात रात नही..
वो पल पल नही जिस पल आपकी बात नही..
आपकी यादो से मौत हमे अलग कर सके.
मौत की भी इतनी भी औकात नही


दिल का दर्द दिल तोड़ने वाले क्या जाने,
प्यार के रिवाज़ो को ज़माना क्या जाने,
होती कितनी तकलीफ़ लड़की पटाने मैं,
ये घर पे बैठा लड़की का बाप किया जाने. ..

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