Sunday, October 5, 2014

दिल चाहता है कि खुदा से और तुझसे ,एक वादा ले लूं......
कि देखेंगी मेरी आँखें तुझे ही जब तक मेरी आँखों में देखने की हिम्मत है
 कि सुनूँगा तेरी आवाज़ , जब तक जिंदा हूँ

तेरी गैर मौजूदगी का एहसास ना हो ,
कि कभी मजबूर ना होऊँ , तेरी दूरी से
कि सोऊँ जब चिरनिद्रा में ,तो रूह में, आँखों में समा कर तुझे...

जाऊं मैं तुझे छोड़ कर, ना कि तू मुझे छोड़े
तुझसे जुदा मैं कभी हो नहीं सकता ,
बस मेरी मौत है तेरी दूरी मेरे लिये.......

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