एक आदमी की शादी में
जब फेरे लेने की बारी आई तो पहले
फेरे के वक्त ही दूल्हा दौड़कर दुल्हन से आगे
निकल गया।
पंडित जी ने दूल्हे को पीछे रहने
को कहा। दूसरे फेरे के वक्त दुल्हन आगे हुई तो दूल्हा
फिर
दौड़कर आगे निकल गया। दूल्हा बार-बार ऐसे
ही तेजी से दुल्हन के आगे निकल
जाता।
बार-बार ऐसा होता देख दुल्हन के पिता को
गुस्सा आ
गया और
वे बोले, \'यह कैसा दूल्हा है जो फेरे भी ढंग से
नहीं ले सकता। ऐसे यह
शादी नहीं हो सकती।\'
दूल्हेके चाचा ने समझाते हुए कहा, \'माफ करना
भाईसाहब,
दरअसल लड़का ट्रकड्राइवर है इसलिए इसे ओवरटेक
करने
की आदत ह
जब फेरे लेने की बारी आई तो पहले
फेरे के वक्त ही दूल्हा दौड़कर दुल्हन से आगे
निकल गया।
पंडित जी ने दूल्हे को पीछे रहने
को कहा। दूसरे फेरे के वक्त दुल्हन आगे हुई तो दूल्हा
फिर
दौड़कर आगे निकल गया। दूल्हा बार-बार ऐसे
ही तेजी से दुल्हन के आगे निकल
जाता।
बार-बार ऐसा होता देख दुल्हन के पिता को
गुस्सा आ
गया और
वे बोले, \'यह कैसा दूल्हा है जो फेरे भी ढंग से
नहीं ले सकता। ऐसे यह
शादी नहीं हो सकती।\'
दूल्हेके चाचा ने समझाते हुए कहा, \'माफ करना
भाईसाहब,
दरअसल लड़का ट्रकड्राइवर है इसलिए इसे ओवरटेक
करने
की आदत ह
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