Tuesday, December 29, 2015

: दर्द कितने हैं बता नहीं सकता, जख्म कितने है दिखा नहीं सकता, आँखों से समझ सको तो समझ लो, आँसु गिरे है कितने गिना नहीं सकता.


 कसूर ना उनका है ना मेरा, हम दोनो रिश्तों की रसमें निभाते रहे, वो दोस्ती का ऐहसास जताते रहे, हम महोब्बत को दिल में छुपाते रहे...


जब मिलेगी कभी तो बुलाऊँगा उसे, दिल के जख्म भी दिखाऊँगा उसे, उसकी ये तमन्ना भी पूरी करूँगा मैं जब आखिरी साँस आऐगी... उसे बाद भूल जाऊँगा उसे..


 मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा, हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा, आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से, आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूट

 सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं, दूर वो मुझसे है पर मैं खफा नहीं, मालूम है अब भी प्यार करता है मुझसे, वो थोडा सा जिद्दी है मगर बेवफा नहीं.

: रोने से किसी को पाया नहीं जाया जाता , खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता , वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए , पर जिन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए.


 सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा, सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा, ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे, सारी मेहफिल भुल गये बस वह चेहरा याद रहा.

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